Farm Laws PIL Hearing In Supreme Court कृषि कानूनों के खिलाफ देश की राजधानी दिल्ली और उसकी सीमाओं पर किसानों की ओर से जारी आंदोलन के बीच तीन कृषि कानूनों की संवैधानिक वैधता को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए भारत के मुख्य न्यायाधीश की अध्यक्षता वाली सर्वोच्च न्यायालय की पीठ ने कहा कि वो फिलहाल कानूनों की वैधता तय नहीं करेगा.
The first and the only thing we will decide today is regarding the farmers' protest and the fundamental right of citizens to move. The question of the validity of laws can wait," says Supreme Court https://t.co/9m5r1M1dLf
— ANI (@ANI) December 17, 2020
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि आज हम जो पहली और एकमात्र चीज तय करेंगे, वो किसानों के विरोध प्रदर्शन और नागरिकों के मौलिक अधिकारों को लेकर है. कानूनों की वैधता का सवाल इंतजार कर सकता है. इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को संकेत दिया था कि वह एक कमेटी बना सकती है जिसमें किसान संगठनों के लोग भी होंगे ताकि गतिरोध टूटे और किसानों का धरना समाप्त हो.
सुनवाई के दौरान चीफ जस्टिस एसए बोबडे ने कहा कि किसानों को प्रदर्शन का हक है, लेकिन ये कैसे हो इसपर चर्चा हो सकती है. कोर्ट ने कहा कि हम प्रदर्शन के अधिकार में कटौती नहीं कर सकते हैं. केवल एक चीज जिस पर हम गौर कर सकते हैं, वह यह है कि इससे किसी के जीवन को नुकसान नहीं होना चाहिए.
सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट में अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल ने कहा कि उनमें से कोई भी फेस मास्क नहीं पहनता है, वे बड़ी संख्या में एक साथ बैठते हैं. कोरोना महामारी एक चिंता का विषय है. वे गांव जाएंगे और वहां कोरोना फैलाएंगे. किसान दूसरों के मौलिक अधिकारों का उल्लंघन नहीं कर सकते.
भारत के मुख्य न्यायधीश ने कहा कि दिल्ली को ब्लॉक करने से यहां के लोग भूखे रह सकते हैं. आपका (किसानों) मकसद बात करके पूरा हो सकता है. सिर्फ विरोध प्रदर्शन पर बैठने से कोई फायदा नहीं होगा.
Upload By Samir Kumar