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Kisan andolan news तकनीक बना रहा किसान आंदोलन को मजबूत, 20 मिनट में 2500 लोगों का तैयार होता है खाना

किसान आंदोलन में तकनीक का खूब इस्तेमाल हो रहा है, एक घंटे में 1200 रोटियां तैयार हो जाती है तो एक स्टीम मशीन में 2500 लोगों खाना 20 मिनट में तैयार हो जाता है. किसान आंदोलन के साथ- साथ वहां के खाने की खूब चर्चा है ड्राईफ्रूट , दुध की कई तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है.

किसान आंदोलन में तकनीक का खूब इस्तेमाल हो रहा है, एक घंटे में 1200 रोटियां तैयार हो जाती है तो एक स्टीम मशीन में 2500 लोगों खाना 20 मिनट में तैयार हो जाता है. किसान आंदोलन के साथ- साथ वहां के खाने की खूब चर्चा है ड्राईफ्रूट , दुध की कई तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है.

शानदार कमरें और आंदोलन के दौरान आराम फर्माते किसानों की तस्वीरें भी सोशल मीडिया पर खूब घूम रही हैं. किसान आंदोलन का 21 वां दिन है. आंदोलन की चर्चा तो खूब है साथ ही चर्चा है किसान आंदोलन के रणनीति की भी. इतने सारे लोगों के खाने का इंतजाम कैसे हो रहा है. सोशल मीडिया पर तरह- तरह की पोस्ट वायरल है. कई संगठन है जो किसानों की मदद के लिए आगे आये हैं.

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किसान आंदोलन में मौजूद है आधुनिक सुविधाएं भी

किसान आंदोलन में इस बात का पूरा ध्यान रखा जा रहा है कि जो भी लोग इस आंदोलन में शामिल हैं उन्हें परेशानी ना हो. उनकी परेशानी को दूर करने के लिए कहीं मशीनों का तो कहीं देशी जुगाड़ तकनीक का खूब इस्तेमाल हो रहा है. यहां 1000 से 1200 रोटियां एक घंटे में बनाने वाली मशीन है जो फटाफट आंदोलनकारियों का खाना तैयार कर देती है.

आंदोलन में बैठे किसान कपड़े धोने के लिए मशीनों का भी इस्तेमाल कर रहे हैं. मोबाइल फोन चार्ज रहे हैं इसके लिए पूरा इंतजाम ट्रैक्टर में किया गया है. सौर पैनल लगें हैं जो इन मशीनों को चला रहे हैं. यहां आधी रात को भी लंगर की व्यस्था की गयी है.

मशीन बनाती है रोटी

यहां कई संगठन मिलकर काम कर रहे हैं. दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक समिति से जुड़े हरदीप सिंह ने बताया कि कैसे इन मशीनों का इस्तेमाल सुबह 7 बजे से शुरू होता है औऱ यह देर रात तक 12 बजे तक चलती रहती है. उन्होंने बताया कि मशीन में सिर्फ गूंथा हुआ आटा डालना है.

मशीन आंटे को गोल आकार में काटती है उन्हें सेंकती है औऱ रोटिया बनकर तैयार हो जाती है. यहां रोज 5000 से अधिक लोगों को खाना खिलाया जा रहा है. सिर्फ यही नहीं यहां चावल बनाने के लिए भी कई तरह की मशीनों का इस्तेमाल हो रहा है.

भाप से तैयार होता है पूरा खाना

भाप से खाना तैयार करने के लिए एक मशीन लगायी गयी है. इस भाप के प्रेशर से ही दाल चावल और सब्जियां तैयार हो जाती है. यह लंगर बनाने में माहिर मशीन है. स्टीम तैयार करने के लिए आपको मशीन में लकड़ी डालना पड़ता है.

ऊपर के तल्ले में पानी होता है जिससे स्टीम तैयार होता है. इसी स्टीम की मदद से खाना तैयार हो जाता है. ये स्टीम पाइप के माध्यम से खाना बनाने वाले बर्तन तक पहुंचती है और खाना तैयार हो जाता है. एक साथ कई पतीले तैयार किये जाते हैं. इस स्टीम की मदद से दाल, चावल, कड़ी जैसी चीजें तैयार हो जाती है.

कपड़े धोने की है मशीन

यहां कपड़े धोने के लिए मशीन का भी इंतजाम किया गया है. यहां विरोध कर रहे लोगों को परेशानी ना हो इसलिए इसके समर्थकों ने दो कपड़ा धोने की मशीन दे दी. यहां मशीनों की संख्या और बढ़ रही है. यहां हर रोज लगभग 250 लोग कपड़े धोने आते हैं.

ऐसे होता है मोबाइल चार्ज

कपड़े धोने से थोड़ी दूरी पर मोबाइल चार्ज करने की जगह है यहां ट्रैक्टर पर 100 वॉट के दो सौर पैनल लगाये गये हैं. लोग यहां आकर अपनी मोबाइल चार्ज करते हैं.यहां ऐसे लोगों की कमी नहीं है जो किसी भी तरह से इस आंदोलन में सहयोग करना चाहते हैं.

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ध्यान रहे कि हाल में ही सोशल मीडिया पर कई तरह की तस्वीरें साझा की गयी जिसमें देखा गया कि किसान हिटर में बैठे आराम कर रहे हैं, बुजुर्ग किसानों के लिए सोने के शानदार कमरे ट्रैक्टर में ही तैयार किये गये हैं. खाने के लिए ड्राईफ्रूट का इस्तेमाल किया गया है.

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