रांची : हत्या, यौन शोषण और भ्रष्टाचार सहित अन्य आरोप में फंसे चार पुलिसकर्मियों को बर्खास्त कर दिया गया है. वहीं, दो अन्य दोषी पुलिसकर्मियों को अपने बचाव में साक्ष्य पेश करने का मौका दिया गया है. सभी पुलिसकर्मी पूर्व में रांची जिला पुलिस से जुड़े थे.
जिन पुलिसकर्मियों को बर्खास्त किया गया है, उनमें से एक आरक्षी शाहिद खां को दो अलग-अलग मामलों में दोषी पाये जाने की वजह से दो बार बर्खास्त किया गया है. इसके अलावा तीन अन्य पुलिसकर्मियों में दिलीप लकड़ा, दीपक टोप्पो और जयमाल कच्छप शामिल हैं. वहीं, जिन पुलिसकर्मियों को अपने बचाव में साक्ष्य प्रस्तुत करने का मौका दिया गया है, उनमें आरक्षी रवींद्र ठाकुर और कृष्णा सोय शामिल हैं.
रवींद्र ठाकुर के खिलाफ वर्ष 2010 में विभागीय जांच और कार्रवाई हुई थी. बिरनी थाना में वर्ष 2009 में दर्ज एक केस में उन्हें 10 वर्ष की कैद हुई थी. वहीं, कृष्णा सोय के खिलाफ छुट्टी लेने के बाद निर्धारित तिथि को योगदान नहीं करने और टोंटो थाना में दर्ज केस में आरोपी होने के कारण 2019 में विभागीय जांच और कार्रवाई शुरू हुई थी.
शाहिद खां के खिलाफ भदोही (यूपी) के एसपी ने गहमर थाना में भ्रष्टाचार और अन्य आरोप में वर्ष 2016 में केस दर्ज होने की जानकारी झारखंड पुलिस को दी थी. इसके अलावा उसे रांची जिला से जामताड़ा जिला में योगदान नहीं देने और विभाग को दिग्भ्रमित करने के दूसरे आरोप में भी बर्खास्त किया गया है.
जबकि दिलीप लकड़ा को शादी का झांसा देकर युवती का यौन शोषण करने और शादी से इनकार करने के आरोप में बर्खास्त किया गया है. दूसरी ओर रातू थाना में वर्ष 2012 में दर्ज हत्या के एक मामले में आरोपी होने की वजह से दीपक टोप्पो और नामकुम थाना में वर्ष 2012 में हत्या के एक मामले में आरोपी होने की वजह से जयमाल कच्छप के खिलाफ कार्रवाई की गयी है. जांच में सभी के खिलाफ लगाये गये आरोप सही पाये जाने के बाद यह कार्रवाई की गयी है.
आरक्षी शाहिद खां, दिलीप लकड़ा, दीपक टोप्पो और जयमाल कच्छप
आरक्षी रवींद्र ठाकुर और कृष्णा सोय एक पुलिसकर्मी को
अलग-अलग आरोपों में दो बार किया गया बर्खास्त
posted by : sameer oraon