अनिकेत त्रिवेदी, पटना. कोरोना के राजस्व को भारी नुकसान पहुंचाया है. राज्य भर में होने वाली संपत्ति निबंधन में आयी भारी कमी के कारण 34.84 फीसदी राजस्व में कमी आयी है. पिछले साल अप्रैल से लेकर नवंबर तक हुए निबंधन के मुकाबले इस वर्ष उसी अवधि में निबंधन का आंकड़ा भी काफी गिरा है.
गौरतलब है कि पिछले साल इन आठ महीनों में लगभग आठ लाख 14 हजार तीन सौ 60 संपत्ति का निबंधन किया गया था, जबकि इस साथ अप्रैल से नवंबर माह के बीच मात्र चार लाख 93 हजार तीन सौ 31 संपत्ति का निबंधन हुआ है. इस हिसाब से इन आठ महीनों में लगभग तीन लाख 21 हजार 39 संपत्ति रजिस्ट्री कम हुई है.
निबंधन विभाग हर साल अप्रैल से लेकर अगले वर्ष मार्च के दौरान संपत्ति निबंधन से होने वाले राजस्व को लेकर एक लक्ष्य निर्धारित करता है. इस अनुसार वित्तीय वर्ष 2019-20 के दौरान चार हजार सात सौ करोड़ राजस्व प्राप्ति का लक्ष्य निर्धारित किया गया था.
इसके बाद इस वर्ष मार्च के अंत में कोरोना आ जाने के कारण राजस्व प्राप्ति के लक्ष्य में वृद्धि नहीं की गयी है. वर्ष 2020-21 के लिए भी चार हजार सात सौ करोड़ का लक्ष्य ही रखा गया है. अब विभाग के आंकड़ों के अनुसार पिछले साल आठ महीनों में तीन हजार 58 करोड़ राजस्व की प्राप्ति हुई थी, जबकि इस साल इन्हीं आठ महीनों में मात्र एक हजार नौ सौ 92 करोड़ के राजस्व की प्राप्ति ही हो सकी है.
इस वर्ष अप्रैल व मई में सबसे कम संपत्ति निबंधन हुआ है. अप्रैल माह में पूरे राज्य में मात्र 170 संपत्तियों का निबंधन हुआ. राजस्व लक्ष्य 320 करोड़ के मुकाबले मात्र चार करोड़ 31 लाख के लगभग यानी 1.35 फीसदी ही राजस्व मिला. उसी प्रकार मई माह में मात्र 11 हजार चार सौ 52 संपत्ति निबंधन हुआ और लक्ष्य 380 करोड़ के मुकाबले मात्र 60 करोड़ 46 लाख यानी मात्र 15.91 फीसदी ही राजस्व मिल पाया था.
भले ही कोरोना से निबंधन विभाग को आर्थिक मार दी हो, लेकिन अब धीरे-धीरे ही सही संपत्ति निबंधन की रफ्तार बढ़ रही है. इस साल अप्रैल से लेकर नवंबर के बीच सितंबर और अक्तूबर माह में अधिक निबंधन हुआ है. सितंबर माह में 320 करोड़ का लक्ष्य था, मगर राजस्व प्राप्ति चार सौ 38 करोड़ यानी 136 फीसदी हुई है.
उसी प्रकार अक्तूबर माह में भी 320 करोड़ का लक्ष्य था, लेकिन राजस्व प्राप्ति तीन सौ 34 करोड़ से अधिक यानी 104.40 फीसदी हुई है. हालांकि, नवंबर माह में फिर राजस्व को धक्का लगा है. 400 करोड़ लक्ष्य की तुलना में दो सौ 84 करोड़ यानी मात्र 71 फीसदी ही राजस्व की प्राप्ति हो सकी है.
Posted by Ashish Jha