बॉलीवुड की प्रसिद्ध अभिनेत्री अनुष्का शर्मा (Anushka Sharma,Exercise ) को अन्य महिलाओं की तरह गर्भावस्था में योगासन करते देखा गया. गर्भावस्था की तीसरी तिमाही में शीर्षासन योग की प्रैक्टिस करते उनकी तस्वीर सोशल मीडिया पर वायरल हुई है. इस व्यायाम (Pregnancy,shirshasana) में सिर नीचे और पैर ऊपर करके प्राणायाम किया जाता है. डॉक्टर और योग विशेषज्ञ के अनुसार, यह इन्वर्जन (उल्टा) एक्सरसाइज है, जिसका अभ्यास हर गर्भवती न करें. एक्सपर्ट की निगरानी में ही ऐसे व्यायाम करें. जानिए गर्भावस्था में ऐसे व्यायाम के बारे में विशेषज्ञों (डॉ विरूल श्रीवास्तव, प्रसूति रोग विशेषज्ञ रांची : मुस्कान, योग व प्राणायाम विशेषज्ञ, ओशोधारा, मुंबई) की राय…
शीर्षासन व्यायाम करने से पहले वज्रासन में बैठ कर हाथों की अंगुलियों को आपस में फंसा लें. माथे से ऊपर सिर पर हाथों को रखें. अब आगे झुकते हुए माथे को जमीन पर रख लें. दोनों हाथों की कोहनियों को जमीन पर टिका दें और हाथों की अंगुलियों को आपस में अच्छी तरह से फंसा कर रखें. सांस की गति सामान्य रखते हुए हाथों पर जोर डालते हुए शरीर का भार सिर पर लाएं और सबसे पहले नितंबों को ऊपर की ओर उठाएं. फिर धीरे-धीरे पैरों को ऊपर उठाते जाएं, इससे शरीर का भार सिर पर आ जायेगा. अब शरीर को ऊपर की ओर सीधा कर लें. इससे पैर, कमर व सिर एक सीधे में आ जायेंगे. शुरुआत में दीवार के सहारे या किसी का सहयोग लेकर ही इसका अभ्यास करें.
किन्हें करना चाहिए शीर्षासन जैसे इन्वर्जन एक्सरसाइज : यदि गर्भवती महिला गर्भधारण करने से पहले से ही इस प्रकार का योग का अभ्यास करती रही हैं, तभी डॉक्टर की सलाह और योग विशेषज्ञ की निगरानी में ऐसे व्यायाम करें. उन्हें इस तरह के आसन और पोज की बेहतर प्रैक्टिस हो. इस आसन को करते वक्त उन्हें सपोर्ट देने के लिए कोई न कोई व्यक्ति जरूर उपलब्ध हो. इस व्यायाम को 1 से 3 माह की गर्भावस्था के दौरान नहीं करना चाहिए. गर्भावस्था के 4 माह के बाद ही इस तरह के आसन किये जा सकते हैं.
पहली तिमाही में न करें भारी आसन : गर्भावस्था के शुरुआती 3 महीनों में गर्भपात का खतरा अधिक होता है. इस दौरान गर्भवती पेट पर दबाव पड़ने वाले आसन बिल्कुल न करें.
अनुष्का को शीर्षासन करते देख गर्भवती न करें कॉपी: हाल ही में अपनी तस्वीर सोशल मीडिया पर शेयर करते हुए अभिनेत्री अनुष्का शर्मा ने लिखा कि डॉक्टर की सलाह और योग विशेषज्ञ की देखरेख में वह प्रेग्नेंसी में वैसे योगासन कर पा रही हैं, जिसे वह गर्भधारण से पहले किया करती थीं. इस व्यायाम को करते वक्त उनके पति व मशहूर क्रिकेटर विराट कोहली उन्हें सपोर्ट देते दिख रहे हैं. हालांकि, उत्साहित होकर अन्य गर्भवतियों को इस तरह का व्यायाम बिल्कुल भी नहीं शुरू कर देना चाहिए.
-प्रेग्नेंसी के दौरान पीठ और कमर में लंबे समय तक दर्द बना रहता है. इस समय यह एक कॉमन समस्या होती है. इन्वर्जन एक्सरसाइज बैक पेन की समस्या को दूर करती है.
-शरीर को उल्टा करके आसन करने से खून की सप्लाई मस्तिष्क में बढ़ जाती है, जिससे गर्भवती महिला का मन और नर्वस सिस्टम दोनों शांत रहता है.
-इससे शरीर में लचीलापन बढ़ता है, जिससे शरीर डिलिवरी के लिए बेहतर तरीके से तैयार होती है. इससे स्ट्रेस लेवल भी कम होता है.
क्या-क्या बरतें सावधानियां
-हर क्रिया व आसन धीमी गति से करें.
-आसन के गलत स्टेप भूल कर भी न करें.
-संतुलित आहार लें.
-भारी सामान न उठाएं.
-अनानास और पपीता न खाएं.
-वजाइनल हाइजीन का उचित ख्याल रखें.
-हिमोग्लोबिन, शूगर व बीपी की जांच करवाते रहें. प्रत्येक 3-3 माह में इसकी जांच कराएं. नियमित जांच नहीं कराने से प्री-टर्म डिलिवरी की आशंका बढ़ती है.
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गर्भावस्था के पूरे 9 माह करें ये व्यायाम : प्राण मुद्रा, अर्ध तितली आसन, पूर्ण तितली आसन, चक्कीचलनासन, डीप ब्रीदिंग, अनुलोम-विलोम जैसे सूक्ष्म और हल्के आसन गर्भावस्था के प्रत्येक तिमाही में किये जा सकते हैं. उद्गित प्राणायाम जरूर करें. इसमें ओम का उच्चारण किया जाता है. किसी को यूट्यूब पर देख कर कॉपी न करें. कोई भी आसन करने से पहले योग विशेषज्ञ से जरूर सलाह लें.
अपान मुद्रा नॉर्मल डिलिवरी में मददगार : प्रेग्नेंसी के 9 माह से पहले यह आसन न करें. इससे नॉर्मल डिलिवरी में मदद मिलती है. दोनों हाथों को आकाश की ओर रखें. इसके बाद अंगूठे के ऊपरी छोर को मीडिल और रिंग फिंगर से छुएं. इस दौरान इंडेक्स और लिटिल फिंगर को पूरी तरह खींचें. अब आंखों को बंद रखें. धीरे-धीरे सांस ले व सांस पर ध्यान केंद्रित करें. इसे 5-15 बार करें.
बातचीत व आलेख : चंद्रशेखर कुमार
Posted By : Amitabh Kumar
Disclaimer: हमारी खबरें जनसामान्य के लिए हितकारी हैं. लेकिन दवा या किसी मेडिकल सलाह को डॉक्टर से परामर्श के बाद ही लें.