CPI news latest : अनाज, फल और दूध जैसे खाने-पीने का सामान सस्ता होने से खुदरा मुद्रास्फीति नवंबर महीने में घटकर 6.93 फीसदी रह गई. हालांकि, यह अभी भी भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के संतोषजनक स्तर से ऊपर बनी हुई है. उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (CPI) आधारित खुदरा मुद्रास्फीति एक महीने पहले अक्टूबर में 7.61 फीसदी और सितंबर में 7.27 फीसदी पर थी.
राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (NSO) के आंकड़े के अनुसार, नवंबर महीने में खाद्य वस्तुओं की मुद्रास्फीति घटकर 9.43 फीसदी रही, जो इससे पिछले महीने 11 फीसदी पर थी. अनाज और उसके उत्पादों की श्रेणी में महंगाई दर नवंबर महीने में कम होकर 2.32 फीसदी रही, जो इससे पिछले महीने 3.39 फीसदी थी. मांस और मछली खंड में मुद्रास्फीति आलोच्य महीने में 16.67 फीसदी थी, जो इससे पिछले महीने में 18.7 फीसदी पर थी.
आंकड़े के अनुसार, सब्जियों की महंगाई दर नवंबर महीने में कम होकर 15.63 फीसदी रही, जो इससे पहले के महीने में 22.51 फीसदी रही थी. फल और दूध तथा उसके उत्पादों की महंगाई दर भी अक्टूबर के मुकाबले कम हुई है. ईंधन और प्रकाश समूह में भी मुद्रास्फीति कम होकर नवंबर महीने में 1.9 फीसदी रही, जो इससे पहले के महीने में 2.28 फीसदी थी.
बता दें कि आरबीआई रेपो रेट के बारे में निर्णय करते समय मुख्य रूप से खुदरा महंगाई दर पर गौर करता है. सरकार ने केंद्रीय बैंक को दो फीसदी घट-बढ़ के साथ महंगाई दर को 4 फीसदी पर रखने का लक्ष्य दिया है. रिजर्व बैंक ने उच्च मुद्रास्फीति को देखते हुए इस महीने मौद्रिक नीति समीक्षा में रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं किया.
मुद्रास्फीति के आंकड़े के बारे में इंडिया रेटिंग्स एंड रिसर्च के प्रधान अर्थशास्त्री सुनील कुमार सिन्हा ने कहा कि खुदरा महंगाई दर अब भी रिजर्व बैंक के संतोषजनक स्तर से ऊपर बनी हुई है. उन्होंने कहा कि हालांकि मुख्य मुद्रास्फीति (खाद्य और ईंधन को छोड़कर) मई 2020 से लगभग स्थिर बनी हुई है और 5 फीसदी से 5.79 फीसदी के बीच के दायरे में रही.
वहीं, इंडिया रेटिंग्स एंड रिसर्च ने खाद्य वस्तुओं के दाम कम होने से चौथी तिमाही में खुदरा मुद्रास्फीति कम होकर 5.5 से 6 फीसदी के दायरे में रहने का अनुमान जताया है. बी2बी (व्यापारियों के बीच) किराना कारोबार से जुड़ी पील वर्क्स ने कहा कि नवंबर महीने में खुदरा महंगाई दर का कम होना सुखद है. इसका मुख्य कारण खाने-पीने के सामान का सस्ता होना है.
उन्होंने कहा, ‘‘हमारा अनुमान है कि चालू वित्त वर्ष की चौथी तिमाही में मुद्रास्फीति दबाव और कम होगा. इससे आरबीआई के लिए नरम रुख बनाए रखने की गुंजाइश बनी रहेगी, जो मांग को सतत रूप से पटरी पर लाने के लिये जरूरी है.’
एनएसओ के आंकड़े के अनुसार, नवंबर महीने में खुदरा मुद्रस्फीति ग्रामीण क्षेत्रों में 7.2 फीसदी और शहरी क्षेत्रों में 6.73 फीसदी रही. इससे संयुक्त रूप से सीपीआई आधारित महंगाई दर 6.93 फीसदी रही.
इक्रा की प्रधान अर्थशास्त्री अदिति नायर ने कहा, ‘नवंबर महीने की सकल सीपीआई मुद्रास्फीति हमारे अनुमान से कम है. सब्जियों के खुदरा दाम स्थिर रहने से लाभ हुआ है. यह राहत भरी खबर है, लेकिन रेपो रेट में कटौती के लिए पर्याप्त नहीं है.’
कीमत आंकड़ा चुने गये 1,114 शहरी बाजारों और 1,181 गांवों से एकत्रित किए गए. इसमें सभी राज्य और केंद्र शासित प्रदेश शामिल हैं. ये आंकड़े एनएसओ के क्षेत्रीय परिचालन इकाई के कर्मचारियों ने चुने गए जगहों पर व्यक्तिगत रूप से जाकर एकत्रित किए.
Posted By : Vishwat Sen
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