Bihar Law and order: बिहार में कानून व्यवस्था और अपराध नियंत्रण को लेकर तनिक भी लापरवाही और सुस्ती बर्दाश्त नहीं की जा रही. सोमवार को एक रेप केस में जांच की खानापूर्ति करने वाले एसडीपीओ और मुंगेर गोलीकांड के आरोपितों को छोड़ने वाले अधिकारी पर बिहार सरकार ने कार्रवाई की है.
बलात्कार के एक मामले में पीड़िता का मेडिकल चार दिन बाद करवाने और जांच के नाम पर खानापूर्ति करने वाले पूर्णिया धमदाहां के तत्कालीन डीएसपी संजीत कुमार प्रभात पर कार्रवाई की गयी है. मामला टीकापट्टी थाने का था. सोमवार को इसके बाबत गृह विभाग ने आदेश जारी कर दिये.
विभाग के आदेश में कहा गया है कि वरीय पुलिस अधिकारियों के जांच में पाया गया था कि अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी द्वारा कई मामलों में बगैर घटना स्थल पर गये ही मामले में जांच के नाम पर खानापूर्ति की बात भी सामने आयी थी. ऐसे में पुलिस पदाधिकारी संजीत कुमार प्रभात पर विभागीय जांच की कार्रवाई शुरू की जाती है.
इसके अलावा गृह विभाग ने मुंगेर सदर के तत्कालीन एसडीपीओ रंजन कुमार पर भी विभागीय कार्रवाई शुरू करते हुए तीन वेतनवृद्धियों पर भी रोक लगाया गया है. आदेश में कहा गया है कि जांच में पाया गया कि एसडीपीओ ने घटना स्थल से अपराधियों को पकड़ने की कार्रवाई नहीं की. थानाध्यक्ष को भी पकड़ने से मना कर दिया. इस कारण उसी दिन शाम दोबारा गोरीबारी की घटना हुई. इसके अलावा जमालपुर कांड में आरोपित मनीष मंडल को बगैर साक्ष्य संकलित किये ही निर्दोष करा दिया गया था.
Posted By: Utpal kant