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बक्सर में चलता है एक ऐसा बैंक जहां पैसे नहीं, जमा होता है राम का नाम, सीताराम लेखन बैंक अब तक जमा हो चुके हैं 10 करोड़ नाम

जो व्यक्ति खाताधारक बनना चाहते हैं उन्हें 51 हजार बार श्रीराम नाम लिखकर पूरा करने के बाद ही सीताराम लेखन बैंक में खाता खोला जा सकता है.

विनीत मिश्रा, डुमरांव. अक्सर लोग बैंकों में जमा-निकासी के लिए खाताधारक बनते हैं, जहां उपभोक्ता राशि जमा-निकासी करने का काम करते हैं, लेकिन खरहाटाड़ गांव के श्रद्धालुओं की ओर से सीताराम लेखन बैंक भी चलाया जाता है.

अब तो आप इस बात को सुनकर चौक गये होंगे. जी हां, कुछ ऐसा ही है. बस फर्क इतना है कि यहां राशि जमा-निकासी का काम न कर इस बैंक से जुड़े रामभक्त लाखों बार भगवान श्रीराम का नाम लिखकर जमा करते हैं.

इस बाबत इस बैंक से जुड़े राहुल रंजन ओझा ने बताया कि अयोध्या के तर्ज पर सीताराम लेखन बैंक की शुरुआत 52 वर्षीय समाजसेवी उमेश कुमार श्रीवास्तव ने वर्ष 2018 में की थी, जिसमें अब तक करीब छह सौ से अधिक लोग श्रीराम नाम लेखन बैंक से जुड़ चुके हैं.

उन्होंने बताया कि प्रत्येक वर्ष इस बैंक की वर्षगांठ के अवसर पर रामभक्त लेखन पुस्तिका पर करोड़ों की संख्या में श्रीराम नाम लिखकर जमा करते हैं, जहां हर वर्ष वर्षगांठ के दिन काफी धूमधाम से इस सीताराम लेखन बैंक की वर्षगांठ मनायी जाती है. इसमें बड़ी संख्या में रामभक्त शामिल होते हैं.

सीताराम लेखन बैंक की वर्षगांठ मनी :‘सीताराम नाम बैंक’ की तीसरी वर्षगांठ शनिवार को धूमधाम से मनायी गयी. कार्यक्रम की शुरुआत बैंक के व्यवस्थापक सुशील कुमार चौबे के द्वारा भगवान श्रीराम की पूजा-अर्चना करने के पश्चात भजन कीर्तन से की गयी.

इस पूजा-अर्चना व भजन कीर्तन में रामभक्त झूम उठे. इस कार्यक्रम में जिले के लगभग प्रत्येक गांव के लोगों ने राम नाम लेखन पुस्तिका पर श्रीराम नाम लिखकर अपनी पवित्र पुस्तिका को बैंक में जमा किये, जिसमें पांच करोड़ राम नाम लेखन कर जमा हुआ.

राम नाम लिखने वालों में रामसेवक ठाकुर 20 लाख, विश्वनाथ पांडेय 18 लाख, धर्मशीला देवी 20 लाख, बैंक संस्थापक उमेश श्रीवास्तव 14 लाख, प्रकाश श्रीवास्तव 12 लाख सहित अन्य रामभक्तों ने श्रीराम नाम लेखन पुस्तिका पर श्रीराम नाम लिखकर जमा किया, जिन्हें बैंक के संस्थापक व उपस्थित गण्यमान्य लोगों ने पगड़ी बांधकर सम्मानित किया.

इस बैंक से जुड़े लोगों ने बताया कि दो वर्षों से श्रीराम लेखन बैंक की वर्षगांठ प्रत्येक वर्ष 12 दिसंबर को मनायी जाती है. इस अवसर पर पंचायत के पूर्व मुखिया तेजनारायण ओझा को आचार्य दीपक पंडित के द्वारा 84 लाख श्रीराम नाम लिखने का संकल्प दिलाया गया.

51 हजार नाम लिखने पर खुलता है खाता

सीताराम लेखन बैंक के संस्थापक उमेश कुमार श्रीवास्तव ने बताया कि जैसे सभी की आस्था भगवान श्रीराम से जुड़ी हुई है उसी तरह मेरी भी आस्था प्रभु श्रीराम से है. इस आस्था को लेकर सीताराम लेखन बैंक की शुरुआत वर्ष 2018 में श्रीराम विवाह के अवसर पर मैंने की थी.

उन्होंने कहा कि जो व्यक्ति खाताधारक बनना चाहते हैं उन्हें 51 हजार बार श्रीराम नाम लिखकर पूरा करने के बाद ही सीताराम लेखन बैंक में खाता खोला जा सकता है.

उन्होंने बताया कि प्रत्येक दिन निःशुल्क कॉपी वितरित की जाती है जिसे प्रत्येक वर्ष बैंक की वर्षगांठ के अवसर पर लोगों से कॉपी जमा करवा ली जाती है. उनकी मानें तो बैंक का मुख्य उद्देश्य हर मानव प्राणी से जीवन सफल बनाने के लिए कम-से-कम 84 लाख श्रीराम नाम लिखना होता है.

Posted by Ashish Jha

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