उत्तरप्रदेश के हाथरस में 19 सालकी दलित युवती के साथ हुए सामूहिक दुष्कर्म के बाद जातिगत हिंसा के लिए उकसाने के आरोप में कैंपस फ्रंट ऑफ इंडिया (सीएफआई) के महासचिव रऊफ शैरीफ को शनिवार को तिरुवनंतपुरम हवाई अड्डे पर हिरासत में ले लिया गया. अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (कानून-व्यवस्था) प्रशांत कुमार ने कहा कि कार्रवाई के बाद उत्तर प्रदेश पुलिस ने रऊफ शैरीफ के खिलाफ कथित रूप से धन उगाही के मामले में लुकआउट नोटिस जारी किया था.
पीएफआई के शाखा पदाधिकारी को हाथरस में बलात्कार और हत्या की पृष्ठभूमि में जातिगत हिंसा को उकसाने के वांटेड किया गया था. इस मामले में यह संदेह था की सामूहिक दुष्कर्म की घटना को उच्च जाति के पुरुषों द्वारा अंजाम दिया गया था.
अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (कानून-व्यवस्था) प्रशांत कुमार ने कहा कि केरल के रहने वाले शैरफ को तब हिरासत में लिया गया जब वह देश से बाहर जाने के लिए हवाई अड्डे पर पहुंचा था. उन्होंने कहा कि आरोपी मस्कट जाने की योजना बना रहा था.
शैरिफ को हिरासत में लेने के लिए राज्य की एक पुलिस रविवार सुबह तिरुवनंतपुरम के लिए रवाना होगी और उसे पूछताछ के लिए उत्तर प्रदेश ले आएगी. हाथरस घटना के बाद राज्य में हिंसा भड़काने और धन जुटाने के लिए शैरिफ का नाम सामने आया था इसके बाद उसके खिलाफ 18 नवंबर को लुकआउट नोटिस जारी किया गया. इस मामले में 5 अक्टूबर को हाथरस जाते समय मथुरा से पीएफआई के चार सदस्यों को गिरफ्तार किया गया था.
एडीजी ने कहा कि जांच के बाद लुकआउट नोटिस जारी किया गया था कि सितंबर में हाथरस की घटना के बाद रऊफ चार में से दो व्यक्तियों, अतीक-उर-रहमान और मसूद के संपर्क में था. उन्होंने कहा कि शरीफ ने हिंसा भड़काने के लिए धन के साथ-साथ अन्य इंतजाम किए.एडीजी के अनुसार, जांच में यह भी संकेत मिले हैं कि शैरिफ देश में तनाव पैदा करने और हिंसा को उकसाने के लिए विदेशी फंड का इस्तेमाल कर रहा था.
उत्तर प्रदेश पुलिस की विशेष टास्क फोर्स 22 अक्टूबर को मामला संभालने के बाद मामले की जांच कर रही है. एसटीएफ अधिकारियों ने दावा किया है कि उन्होंने तब से बहुत साक्ष्य एकत्र किए थे, ताकि जातिगत हिंसा को उकसाने की पूरी साजिश को नाकाम किया जा सके.
Posted By: Pawan Singh