LPG Small Cylinder : देश में 5 किलो की रसोई गैस वाला छोटा सिलेंडर 21वीं सदी की शुरुआत के पहले से ही प्रवासी मजदूर, छात्र और बीपीओ कर्मचारियों के लिए बड़े काम की चीज है, जिसे उपभोक्ताओं और बिक्रेताओं के बीच छोटू के नाम से पुकारा जाता था. अब इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन ने आधिकारिक तौर पर इसका नाम ‘छोटू’ रख दिया है. हालांकि, इस छोटे सिलेंडर को करीब सात साल पहले कंपनियों द्वारा आधिकारिक तौर पर बिक्री के लिए वर्ष 2013 के दौरान बाजार में उतारा गया, लेकिन अनधिकृत तौर पर यह 21वीं सदी की शुरुआत के पहले से ही बाजार में उपलब्ध है और यह किरासन तेल वाले स्टोव के मुकाबले अधिक प्रचलित हुआ.
जिस समय देश में एलपीजी कनेक्शन लेने के लिए लोगों को महीनों इंतजार करना पड़ता था, उस समय अपनी माय-माटी से सैकड़ों मील दूर काम करने गए प्रवासी मजदूर, अच्छी उच्च शिक्षा ग्रहण करने गए छात्र और घर-परिवार से दूर रहकर काम करने वाले बीपीओ कर्मचारियों के लिए 5 किलो वाला यह छोटा सिलेंडर बड़े काम का था और संभवत: आज भी है. उस समय छात्र, प्रवासी मजदूर, आईटी प्रोफेशनल, बीपीओ में काम करने वालों जैसे लोगों को खाना बनाने के लिए ईंधन का जुगाड़ करने में बड़ी दिक्कत होती थी. उन्हीं के लिए 5 किलो वाला एलपीजी गैस सिलेंडर बाजार में उतारा गया था.
7 साल पहले आधिकारिक तौर पर उतारा गया था 5 किलो का गैस सिलेंडर
यह बात दीगर है कि आज की तारीख में एलपीजी सिलेंडर लोगों के घरों तक पहुंच जा रहा है, लेकिन 20 साल पहले इसे पाने के लिए लोगों को नाकों चने चबाने पड़ते थे. कनेक्शन के लिए नंबर लगाना आसान नहीं था. नंबर आने पर ही उपभोक्ताओं को कनेक्शन मिलता था. इससे बड़ा दुख तो यह था कि सिलेंडर खाली होने पर उसे रिफिल कराना आसान नहीं है. ऐसे में 5 अक्टूबर 2013 को छात्रों, प्रवासी मजदूरों, आईटी प्रोफेशनल्स के लिए अनधिकृत रूप से काम वाले इस 5 किलो वाले सिलेंडर को आधिकारिक तौर पर देश के चार महानगरों (दिल्ली, मुंबई, कोलकाता और चेन्नई) के पेट्रोल पंपों के जरिए बिक्री के लिए उतारा गया.
छोटे साइज को लेकर नाम रखा गया ‘छोटू’
आम तौर पर परिवार के सबसे छोटे बालक को घर-समाज के लोग ‘छोटू’ के नाम से पुकारा जाता है. करीब-करीब यह स्थिति इस 5 किलो वाले छोटे गैस सिलेंडर की भी है. आकार में छोटा होने की वजह से बाजार और उपभोक्ताओं के बीच इसका नाम ‘छोटू’ पड़ गया. वैसे तो बाजार में हलवाइयों के लिए 19 किलो और आम घरों के लिए 14.2 किलो का सिलेंडर आता है, लेकिन छात्रों और कामगारों की सुविधा को के लिए 5 किलो का गैस सिलेंडर निकाला गया.
इंडियन ऑयल ने कर दिया आधिकारिक नाम
मजे की बात तो यह है कि 5 किलो वाले इस सिलेंडर का नाम बाजार और उपभोक्ताओं के बीच ‘छोटू’ पड़ गया, तो एलपीजी सिलेंडर वितरण करने वाली देश की सबसे बड़ी कंपनी इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन (आईओसी) ने अब अपने 5 किलो वाले एलपीजी सिलेंडर का आधिकारिक नाम ही ‘छोटू’ रख दिया है. कंपनी ने 11 दिसंबर 2020 यानी इसी शु्क्रवार को इसकी घोषणा की है. आईओसी का कहना है कि यह छोटा सिलेंडर विभिन्न बिक्री केंद्रों पर आसानी से उपलब्ध है. अच्छी बात यह है कि वजन में हल्का होने की वजह से इसे कहीं ले जाने के लिए रिक्शा या स्कूटर या फिर बाइक की भी जरूरत नहीं है. हाथ में लटकाइए और चल दीजिए.
Your favourite 5kg free trade LPG cylinder has a cute little name now, "Chhotu". pic.twitter.com/U5UxJuFMkc
— Indian Oil Corp Ltd (@IndianOilcl) December 11, 2020
बिना प्रूफ के मिलता है कनेक्शन
इस ‘छोटू’ सिलेंडर की खासियत यह है कि इसका कनेक्शन लेने के लिए आपको किसी प्रकार का दस्तावेज जमा नहीं कराना होगा. यह केवल आपको केवल पहचान पत्र दिखाने के बाद ही मिल जाएगा. ऐसा इसलिए किया गया है, क्योंकि प्रवासी जब किसी नए शहर में जाते हैं, तो उनके पास वहां का एड्रेस प्रूफ या उससे संबंधित अन्य दस्तावेज नहीं होते.
आसान है रिफिल कराना
‘छोटू’ गैस सिलेंडर लेना जितना आसान है, उतना ही आसान इसके रिफिल कराना भी है. यह इंडियन ऑयल के पेट्रोल पंप से लेकर इंडेन के एलपीजी वितरक और आपके पड़ोस के किराना स्टोरों में भी यह उपलब्ध है. आमतौर पर एलपीजी के डीलर का दफ्तर तो कहीं-कहीं होता है, लेकिन किराना स्टोर तो हर गली-मोहल्ले में दिख जाएगा. इसलिए इसकी उपलब्धता किराना स्टोर में भी की गई है.
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