भोपाल / नयी दिल्ली : किसानों के फायदे के लिए उठाये गये एक बड़े कदम के तहत मध्य प्रदेश में होशंगाबाद की एसडीएम की अदालत ने नयी कृषि नीति के तहत एक निजी कंपनी को अनुबंध पर खेती करनेवाले किसानों से उनकी उपज खरीदने का आदेश दिया है. वहीं, केंद्रीय कृषि मंत्री ने ट्वीट कर कहा है कि ”नये कृषि कानूनों का लाभ अब किसानों को होने लगा है. मात्र 24 घंटे में मिला किसानों को न्याय. नये कृषि कानून अंतर्गत स्थानीय प्रशासन द्वारा तत्परतापूर्वक कार्रवाई करते हुए किसानों के हित में बड़ा फैसला.”
जानकारी के मुताबिक, होशंगाबाद जिले के किसानों से अनुबंध के बावजूद दिल्ली की कंपनी फॉर्चून राइस लिमिटेड द्वारा धान नहीं खरीदे जाने के मामले में जिला प्रशासन ने तत्काल कार्रवाई की. नये कृषि कानून के प्रावधान के अनुसार कार्रवाई करते हुए किसानों को 24 घंटे में न्याय दिलाया गया है. एसडीएम पिपरिया नितिन टाले ने के मुताबिक, किसानों से मंडी के उच्चतम मूल्य पर धान खरीदी के अनुबंध तीन जून, 2020 के बावजूद फॉर्चून राइस लिमिटेड कंपनी द्वारा नौ दिसंबर को मंडी में उच्च विक्रय मूल्य होने पर धान नहीं खरीदी गयी.
मामले में 10 दिसंबर, 2020 को ग्राम भौखेडी के किसान पुष्पराज पटेल और ब्रजेश पटेल ने एसडीएम नितिन टाले को शिकायत की. किसानों ने बताया कि फॉर्चून राइस लिमिटेड, दिल्ली के द्वारा तीन जून, 2020 को उच्चतम बाजार मूल्य पर धान खरीदी का अनुबंध किया था. कंपनी द्वारा लगातार अनुबंध अनुसार खरीदी की जाती रही, किंतु तीन हजार रुपये प्रति क्विंटल धान का भाव होने पर कंपनी के कर्मियों ने खरीदी बंद कर किसानों से संपर्क समाप्त कर दिया.
मामले की जानकारी जिला प्रशासन को मिलने पर तत्काल कार्रवाई करते हुए न्यायालय अनुविभागीय दंडाधिकारी पिपरिया ने समन जारी कर फॉर्चून राइस लिमिटेड के अधिकृत प्रतिनिधि को 24 घंटे में जवाब प्रस्तुत करने के निर्देश दिये. एसडीएम कोर्ट द्वारा जारी समन पर फॉर्चून राइस लिमिटेड के डायरेक्टर अजय भलोटिया ने जवाब प्रस्तुत किये जाने पर कृषक (सशक्तिकरण एवं संरक्षण) अनुबंध मूल्य आश्वासन और कृषि सेवा अधिनियम-2020 की धारा-14 (2) (a) के तहत कॉन्शुलेशन बोर्ड का गठन किया गया. बोर्ड के समक्ष कंपनी ने नौ दिसंबर के उच्चतम दर पर धान क्रय करना स्वीकार किया.
बोर्ड की अनुशंसा के आधार पर न्यायालय अनुविभागीय दंडाधिकारी पिपरिया ने अनुबंधित किसानों से 2950 रु + 50 रु बोनस यानी कुल तीन हजार रुपये प्रति क्विंटल की दर से धान खरीदने के लिए आदेशित किया. नये कृषक कानून का प्रयोग करते हुए शिकायत प्राप्त होने के 24 घंटे के अंदर किसानों को अनुबंध के अनुसार उच्चतम बाजार दिलाये जाने की कार्रवाई की गयी.