मनी लाउंड्रिंग के आरोपी उमाशंकर मालवीय ने पासपोर्ट वापसी के उद्देश्य से अलग-अलग दावा किया है. वह अपनी बेटी के एडमिशन के लिए उसके साथ विदेश जाना चाहते हैं. आरोपी के अलग-अलग दावे को देखते हुए प्रवर्तन निदेशालय (इडी) ने पासपोर्ट वापसी का विरोध करते हुए अभियुक्त के फरार हो जाने की अाशंका जतायी है. मामला फिलहाल पीएमएलए के विशेष न्यायाधीश की अदालत में विचाराधीन है.
उमाशंकर मालवीय पूर्व स्वास्थ्य मंत्री भानु प्रताप शाही के आप्त सचिव रह चुके हैं. उन्होंने पीएमएलए कोर्ट में एक याचिका दाखिल की है. याचिका में कहा गया है कि उनकी बेटी का चयन ‘यूनिवर्सिटी ऑफ हल’ लंदन में हुआ है. एडमिशन के लिए उनका भी अपनी बेटी के साथ विदेश जाना जरूरी है. इसलिए अदालत जब्त पासपोर्ट को वापस करे. अभियुक्त की ओर से दायर इस याचिका पर अदालत ने इडी से जवाब मांगा था. इडी ने जवाब दाखिल करते हुए पासपोर्ट देने का विरोध किया है.
कहा गया है कि अभियुक्त ने अपनी बेटी के एडमिशन के लिए अलग-अलग दावा किया है. अभियुक्त ने हाइकोर्ट में दायर याचिका में यह कहा था कि उनकी बेटी का चयन ‘फेरिस स्टेट यूनिवर्सिटी ’ यूएसए में हुआ है. अभियुक्त ने रिटायरमेंट बेनीफिट सहित वेतन पुनरीक्षण के लाभ की मांग करते हुए एक याचिका दाखिल की थी. इसमें यह कहा था कि उसकी बेटी का चयन फेरिस स्टेट यूनिवर्सिटी, यूएसए में हुआ है. उसे बीएससी के क्रिमिनल जस्टिस विषय में एडमिशन लेना है. बेटी के एडमिशन के लिए पैसों की जरूरत है.
इसलिए अदालत इस मामले में हस्तक्षेप करे और सरकार से उसका बकाया दिलाने का आदेश दे. अभियुक्त की ओर से एडमिशन के लिए किये गये अलग-अलग दावों के मद्देनजर इडी ने अभियुक्त की मंशा पर संदेह व्यक्त किया है. साथ ही यह भी कहा है कि अभियुक्त ने अलग-अलग दावा कर कोर्ट को गुमराह करने का काम किया है. उसकी मंशा गलत है. पासपोर्ट रिलीज करने के बाद अगर वह विदेश गया तो वह नहीं भी लौट सकता है. ऐसी स्थिति में उसके खिलाफ चल रही न्यायिक प्रक्रिया बाधित हो जायेगी. जैसा कि विजय माल्या और नीरव मोदी के मामले में हो रहा है.
posted by : sameer oraon