LIC SIIP Policy Latest News : अगर आप रोजाना की छोटी-छोटी कटौती करके अपना पैसा ऐसी जगह लगाना चाहते हैं, जहां आपके रकम और जीवन की सुरक्षा के साथ-साथ बेहतर रिटर्न भी मिले, तो फिर निवेश के लिए भारतीय जीवन बीमा निगम (LIC) अन्य विकल्पों में से बेहतरीन प्लेटफॉर्म साबित हो सकता है. एलआईसी के पास एक ऐसी ही योजना है, जिसमें निवेश करने के बाद आपकी रकम पूरी तरह से सुरक्षित रहने के साथ ही आपको बेहतर रिटर्न भी मिलेगा. एलआईसी ने इस योजना का नाम SIIP या सीप रखा है.
एलआईसी की यह योजना एक यूनिट-लिंक्ड नन-पार्टिसिपेटिंग रेगुलर प्रीमियम व्यक्तिगत लाइफ इंश्योरेंस स्कीम है. यह पॉलिसी की पूरी अवधि के दौरान बीमा और निवेश सुरक्षा प्रदान करता है. ग्राहक इस योजना को ऑफलाइन और ऑनलाइन दोनों तरह से खरीद सकते हैं.
कैसे खरीदें प्लान
एलआईसी के एसआईआईपी प्लान को आप www.licindia.in वेबसाइट पर लॉगइन करके ऑनलाइन खरीद सकते हैं. इस योजना में चार प्रकार के निवेश फंड में से एक में निवेश कर सकते हैं. ग्राहक द्वारा दिये गए प्रीमियम में से उसके आवंटन शुल्क घटाने के बाद बची हुई रकम से चुने गए फंड में से यूनिट खरीदे जाते हैं. पॉलिसी की अवधि के दौरान निवेशक वार्षिक, अर्धवार्षिक, तिमाही या मासिक आधार पर प्रीमियम का भुगतान कर सकते हैं. वार्षिक, अर्धवार्षिक और तिमाही प्रीमियम के भुगतान के लिए 30 दिन और मासिक प्रीमियम के लिए 15 दिन का समय मिलता है.
डेथ बेनिफिट
इस पॉलिसी में जोखिम शुरू होने से पहले पॉलिसीधारक की मौत होने की स्थिति में यूनिट फंड मूल्य के बराबर रकम परिजनों को दी जाती है. वहीं, जोखिम शुरू होने की तारीख के बाद मौत होने की स्थिति में निम्न में से जो भी अधिक होगा, उसके बराबर रकम दी जाएगी. अगर मौत होने की तारीख के तुरंत पहले की दो साल की अवधि के दौरान आंशिक निकासी किया गया हो, तो उस रकम को घटाकर मूल बीमा राशि का भुगतान.
यूनिट फंड मूल्य
आंशिक निकासी अगर मौत होने की तारीख के तुरंत पहले की दो साल की अवधि के दौरान किया गया हो, तो उस रकम को घटाकर मौत की तारीख तक प्राप्त किया गया कुल प्रीमियम का 105 फीसदी का भुगतान.
मैच्योरिटी बेनिफिट
अगर पॉलिसीधारक मैच्योरिटी पीरियड तक जिंदा रहता है और पॉलिसी के तहत सभी प्रीमियमों का भुगतान कर दिया है, तो यूनिट फंड मूल्य के बराबर रकम दी जाएगी.
आंशिक निकासी का लाभ
पॉलिसी के पांच साल पूरे होने के बाद आप कभी भी यूनिटों से आंशिक निकासी कर सकते हैं, लेकिन शर्त यह है कि आंशिक निकासी की तारीख तक के सभी देय प्रीमियमों का भुगतान कर दिया गया हो.
आंशिक निकासी की शर्त
नाबालिग व्यक्तियों के विषय में आंशिक निकासी बीमित व्यक्ति की उम्र 18 वर्ष या उससे अधिक हो जाने पर ही की जा सकेगी. आंशिक निकासी की अधिकतम राशि की बात करें, तो 6 से 10 पॉलिसी वर्ष के बीच यह यूनिट फंड का 20 फीसदी, 11 से 15 पॉलिसी वर्ष के बीच 25 फीसदी, 16 से 20 पॉलिसी वर्ष के बीच 30 फीसदी और 21 से 25 पॉलिसी वर्ष के बीच 35 फीसदी होगी.
पॉलिसी खरीदने की उम्र
इस पॉलिसी में प्रवेश के समय न्यूनतम आयु के लिए 90 दिन पूरे होने चाहिए और अधिकतम आयु 65 साल है. पॉलिसी में न्यूनतम परिपक्वता आयु 18 साल है और अधिकतम परिपक्वता आयु 85 साल है. वहीं, पॉलिसी अवधि 10 से 25 साल है. प्रीमियम भरने की अवधि पॉलिसी अवधि जैसी ही है.
प्रीमियम की क्या है सीमा
इस पॉलिसी में अधिकतम प्रीमियम की कोई सीमा नहीं है. वहीं, न्यूनतम प्रीमियम वार्षिक आधार पर 40,000 रुपये, अर्धवार्षिक आधार पर 22,000 रुपये, तिमाही आधार पर 12,000 रुपये और मासिक आधार पर (एनएसीएच द्वारा) 4,000 रुपये है.
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यूनिट फंड
प्रीमियमों को पॉलिसीधारक द्वारा चार प्रकार की निधियों से चुने गए फंड के प्रकार के अनुसार, यूनिट्स खरीदने के लिए इस्तेमाल किया जाएगा. ये चार फंड बॉन्ड फंड, सिक्योर्ड फंड, बैलेंस फंड और ग्रोथ फंड हैं.
Posted By : Vishwat Sen
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