पटना. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बुधवार को विधि-व्यवस्था को लेकर पांच घंटे से ज्यादा समय तक मैराथन समीक्षा बैठक की. उन्होंने सख्त निर्देश दिया कि जिन थाना क्षेत्रों में अपराध बढ़े हैं, उनकी समीक्षा करके संबंधित अधिकारियों पर सख्त कार्रवाई करें.
कोताही बरतने वाले अधिकारियों को चिह्नित कर उन्हें दंडित करें. मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को साफ तौर पर हिदायत दी कि अपराध नियंत्रण में कोताही किसी कीमत पर बर्दाश्त नहीं की जायेगी.
उन्होंने कहा कि पेशेवर अपराधियों की पहचान कर उनके खिलाफ बेहद सख्त कदम उठाएं. एक अणे मार्ग स्थित नेक संवाद सभाकक्ष में आयोजित समीक्षा बैठक में मुख्यमंत्री ने कहा कि हाल के कुछ दिनों में यह देखने में आया है कि कम उम्र के लड़कों में अपराध करने की प्रवृत्ति बढ़ रही है.
अपराध नियंत्रण के लिए पुलिस को संवेदनशीलता और सख्ती के साथ इस तरफ काम करना होगा. मुख्यमंत्री ने सख्त लहजे में कहा कि कानून का सख्ती से पालन हो और अपराधियों में कानून का भय हो, यह सुनिश्चित करें. गड़बड़ी करने वालों पर सख्त कार्रवाई हो. किसी तरह की कोई लापरवाही बर्दाश्त नहीं होगी.
मुख्यमंत्री ने खासतौर से निर्देश दिया कि सभी थानों में लैंडलाइन फोन हर हाल में दुरुस्त रहे. मुख्यालय के स्तर पर नियमित रूप से लैंडलाइन फोन पर बात कर थाने की गतिविधियों की जानकारी लेते रहें. सभी जोन में क्षेत्रीय विधि विज्ञान प्रयोगशाला का क्रियान्वयन सुचारु रूप से हो. राजगीर स्थित बिहार पुलिस अकादमी में पुलिस बल की भी ट्रेनिंग की व्यवस्था करायी जाये.
समीक्षा बैठक के दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि साइबर अपराध पर नियंत्रण के लिए सभी जरूरी कदम उठाएं. इसे लेकर भविष्य के परिदृश्य को ध्यान में रखते हुए कार्ययोजना बनाकर काम करें.
बैठक की शुरुआत में एडजीडी (मुख्यालय) और एडीजी (विशेष शाखा) ने अपराध नियंत्रण, साइबर क्राइम और इनकी रोकथाम से जुड़ा प्रेजेंटेशन दिया. इसके माध्यम से अफसरों ने बताया कि अपराध पर किस तरह अंकुश लगाया जायेगा.
बैठक में मुख्य सचिव दीपक कुमार, डीजीपी एसके सिंघल, गृह विभाग के अपर मुख्य सचिव आमिर सुबहानी, वित्त प्रधान सचिव डॉ. एस सिद्धार्थ, सीएम के प्रधान सचिव चंचल कुमार, सचिव मनीष कुमार वर्मा, सचिव अनुपम कुमार, बिहार पुलिस भवन निर्माण निगम लिमिटेड के एमडी आलोक राज, सीआइडी के एडीजी विनय कुमार, विशेष शाखा के एडीजी जितेंद्र सिंह गंगवार, एडीजी (मुख्यालय) जितेंद्र कुमार, एडीजी (विधि-व्यवस्था) अमित कुमार, आइजी (मद्य निषेध) अमृत राज, गोपाल सिंह समेत अन्य अधिकारी मौजूद थे.
सीएम ने कहा कि सभी थानों में स्टेशन डायरी को हर हाल में अपडेट रखें. हर थाने में स्टेशनरी और अन्य सामग्री के लिए रिवॉल्विंग फंड की व्यवस्था रखें. ऐसा सिस्टम बनाएं कि थाने के एकाउंट में हमेशा राशि उपलब्ध रहे. प्रत्येक थाने में महिलाओं के लिए अलग शौचालाय और स्नानागार की समुचित व्यवस्था फरवरी तक सुनिश्चित करें. बचे हुए भूमिहीन थानों के लिए जमीन उपलब्ध कराकर थाने का अपना भवन बनाएं.
मुख्यमंत्री ने पुिलस अिधकारियों से कहा कि सभी थाना क्षेत्रों में नियमित रूप से रात्रि गश्ती को सुनिश्चित करें. पैदल गश्ती दल में भी पर्याप्त पुलिस बल रखें. जियो फेंसिंग तकनीक से गश्ती दल की निगरानी सुनिश्चित करें. सीनियर अफसर भी गश्ती की निगरानी करें. राज्य सभी थानों में जीपीएस युक्त दो-दो वाहन गश्ती के लिए उपलब्ध रखें. थाने की पुलिस गाड़ी के लिए पुलिस बल से ही स्थायी ड्राइवर की व्यवस्था करें. पुलिस व्यवस्था में संवेदनशीलता और गोपनीयता जरूरी है.
मुख्यमंत्री ने कहा कि पर्व-त्योहारों के दौरान जिन-जिन क्षेत्रों में असामाजिक तत्वों की ओर से घटनाओं को अंजाम दिया जाता है. उन क्षेत्रों की पहचान करें और वैसे असामाजिक तत्वों को चिह्नित कर उनकी पहले ही गिरफ्तारी करें, ताकि शांति व्यवस्था बनी रहे. स्पीडी ट्रायल में तेजी लाएं. प्रोजिक्यूशन और इन्वेस्टिगेशन को बेहतर तरीके से अंजाम दें, जिससे अपराधियों को सख्त सजा मिल सके.
Posted by Ashish Jha