पटना. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने राज्य में शुरू हुई धान अधिप्राप्ति को लेकर समीक्षा बैठक की. उन्होंने सभी डीएम और एसपी को निर्देश दिया कि जिन पैक्स पर अनियमितता के आरोप हैं और उन पर एफआइआर दर्ज हुई है. ऐसी पैक्स की पूरी जांच होनी चाहिए और दोषी को सजा मिलनी चाहिए. सभी डीएम और एसपी इसकी समीक्षा कर लें.
उन्होंने कहा कि जिन पैक्स ने बकायी राशि का भुगतान कर दिया है, उन्हें अधिप्राप्ति की इजाजत मिलनी चाहिए. मुख्यमंत्री गुरुवार को एक अणे मार्ग स्थित नेक संवाद कक्ष में खरीफ विपणन वर्ष 2020-21 में धान अधिप्राप्ति की समीक्षा बैठक कर रहे थे.
सीएम ने कहा कि जिन पैक्स पर अनियमितता के आरोप थे. वहां फिर से चुनाव हो गये हैं और वे आरोपित पैक्स अध्यक्ष चुनाव नहीं जीते हैं, तो वहां निर्वाचित नये पैक्स अध्यक्ष को कार्य करने की इजाजत मिलनी चाहिए.
उन्होंने कहा कि जो पैक्स अक्रियाशील हैं, उनकी बगल की पैक्स या व्यापार मंडल में जहां सुविधा हो, जिलाधिकारी अपने स्तर से इसका आकलन कराकर उस क्षेत्र से किसानों की धान अधिप्राप्ति शुरू कराएं.
मुख्यमंत्री ने कहा कि जिन किसानों से धान की खरीद की जा रही है, उनके खाते में निर्धारित समय-सीमा में राशि भेज दी जाये. डीएम पैक्स का औचक निरीक्षण कर जांच करें. साथ ही किसानों से बात करें और उसके आधार पर उनकी शिकायतों एवं समस्याओं का समाधान करें.
विभाग के वरीय पदाधिकारी भी फील्ड में जाकर औचक निरीक्षण करें. सीएम ने कहा कि वर्ष 2005 के पहले धान की खरीद नहीं होती थी. हमलोगों ने पैक्स की शुरुआत करायी और पैक्स के माध्यम से खरीद करायी जाने लगी. इससे किसानों को लाभ पहुंचा है.
वेबसाइट पर मौजूद किसानों को माना जाये निबंधित
मुख्यमंत्री ने कहा कि कृषि विभाग की वेबसाइट पर जो निबंधित किसान हैं, उन्हें अपने आप निबंधित मानकर अधिप्राप्ति के लिए योग्य समझा जाये. सहकारिता विभाग को किसानों का अलग से निबंधन करने की जरूरत नहीं है.
अधिक- से- अधिक किसान अपनी फसल की अधिप्राप्ति करा सकें और हमलोग अधिक- से -अधिक उपज की खरीद कर सकें. उन्होंने कहा कि इस वर्ष अच्छी फसल हुई है. इस वजह से पहले से अधिक अधिप्राप्ति होने की संभावना है.
किसानों के उपज की अधिक -से -अधिक अधिप्राप्ति हो और इसका सीधा लाभ किसानों को मिले. इसके लिए ज्यादा- से ज्यादा किसानों को धान अधिप्राप्ति के लिए प्रेरित करने की जरूरत है.
सीएम ने खासतौर से निर्देश दिया कि रैयत किसानों की धान अधिप्राप्ति की अधिकतम सीमा को 200 क्विंटल से बढ़ाकर 250 क्विंटल किया जाये. साथ ही गैर-रैयत किसानों की धान अधिप्राप्ति की अधिकतम सीमा को 75 क्विंटल से बढ़ाकर 100 क्विंटल की जाये.
उन्होंने कहा कि सभी जिलों में भंडारण की समुचित व्यवस्था रखें. धान की स्टोरेज के साथ ही उसके रिसाइकलिंग की भी उचित व्यवस्था रखें.
बैठक के दौरान सहकारिता सह खाद्य एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग के सचिव विनय कुमार ने एक प्रस्तुतीकरण दिया. उन्होंने बताया कि धान अधिप्राप्ति का न्यूनतम लक्ष्य इस वर्ष 45 लाख मीट्रिक टन रखा गया है.
साधारण धान का न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) 1868 रुपये प्रति क्विंटल तथा ए-ग्रेड धान का 1888 रुपये प्रति क्विंटल रखा गया है. इस दौरान खरीफ विपणन वर्ष 2020-21 की धान अधिप्राप्ति की अवधि, वर्ष 2015-16 से 2020-21 तक धान अधिप्राप्ति विवरण, क्रियाशील पैक्स या व्यापार मंडल समेत अन्य बातों की विस्तार से जानकारी दी.
इस बैठक में खाद्य एवं उपभोक्ता संरक्षण मंत्री विजेंद्र प्रसाद यादव, कृषि सह सहकारिता मंत्री अमरेंद्र प्रताप सिंह, मुख्य सचिव दीपक कुमार, सीएम के प्रधान सचिव चंचल कुमार, सचिव मनीष कुमार वर्मा, सचिव अनुपम कुमार, ओएसडी गोपाल सिंह, निबंधक सहकारिता राजेश मीणा समेत अन्य अधिकारी मौजूद थे. वहीं, वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से वित्त प्रधान सचिव डॉ एस सिद्धार्थ समेत सभी जिलों के डीएम जुड़े हुए थे.
Posted by Ashish Jha