Human trafficking in jharkhand, Latehar news : लातेहार (चंद्रप्रकाश सिंह) : लातेहार जिला में ह्यूमन ट्रैफिकिंग का व्यापार रूकने का नाम नही ले रहा है. लॉकडाउन के कारण बेरोजगारी बढ़ी है. इसका असर जिले के गरीबों पर सबसे अधिक पड़ा है. स्थानीय स्तर पर काम नहीं मिलने के कारण पलायन करना उनकी मजबूरी हो जाती है. वहीं, मानव तस्कर हर स्तर पर सक्रिय है. सदर प्रखंड के जेर गांव के 3 युवकों को काम दिलाने के नाम पर तमिलनाडु भेजा गया. यहां तीनों युवक एक पॉल्ट्री फार्म में कैद हैं. परिजनों से युवकों को जल्द वापस लाने की गुहार लातेहार डीसी से की है.
बताया गया कि जेर गांव के प्रदीप उरांव एवं सकलदीप उरांव (पिता मंगल उरांव) तथा संदीप सिंह (पिता श्रीनाथ सिंह) को बहला- फुसला कर काम दिलाने के नाम पर चंदवा प्रखंड के बनहरदी गांव के एक दलाल ने तमिलनाडु भेज दिया था. इसी साल जनवरी में ही तीनों को वहां भेजा था. कुछ माह बाद तमिलनाडु भेजने वाले व्यक्ति की मौत एक सड़क दुघर्टना में रांची में हो गयी. उसकी मौत के बाद परिजनों को लगा कि उनका पुत्र अब कभी वापस नहीं आयेगा.
गुरुवार को श्रीनाथ सिंह अपनी पत्नी फूल कुमारी देवी के साथ अपने पुत्र को वापस लाने की फरियाद लेकर डीसी से मिलने पहुंची. पर, डीसी से मुलाकात नहीं होने पर युवकों के परिजनों ने कार्यालय में आवेदन जमा कराया. संदीप सिंह के परिजनों ने बताया कि कुछ माह पहले तक मोबाइल से बात होती थी, लेकिन अब नहीं हो रही है. इससे चिंता काफी बढ़ गयी है.
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परिजनों ने कहा कि काम के लिए तमिलनाडु गये 3 युवकों को एक पॉल्ट्री फार्म में कैद कर रखा गया है. साथ ही तीनों को मानसिक रूप से प्रताड़ित भी किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि अपने बच्चों को घर वापस लाने के लिए स्थानीय थाना में आवेदन भी दिया था, लेकिन अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई.
परिजनों ने आरोप लगाया कि तमिलनाडु के पॉल्ट्री फार्म ने तीनों युवकों का आधार कार्ड भी जब्त कर लिया है. कहीं से कोई सहयोग नहीं मिलने से परेशान पीड़ित के परिजनों ने लातेहार डीसी के पास फरियाद लेकर गयी. उन्होंने कहा कि डीसी से मुलाकात तो नहीं हो पायी.
Posted By : Samir Ranjan.