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आय से अधिक संपत्ति मामले में दुमका से गिरफ्तार पूर्व मंत्री हरिनारायण राय को सीबीआइ कोर्ट ने पत्नी के साथ जेल भेजा

आय से अधिक संपत्ति मामले में गिरफ्तार झारखंड के पूर्व मंत्री हरिनारायण राय और उनकी पत्नी सुशीला देवी को गुरुवार (10 दिसंबर, 2020) को केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआइ) की अदालत में पेश किया गया. रांची स्थित सीबीआइ के स्पेशल जज की अदालत में पेशी के बाद पूर्व मंत्री और उनकी पत्नी को जेल भेज दिया गया.

रांची (अजय दयाल) : आय से अधिक संपत्ति मामले में गिरफ्तार झारखंड के पूर्व मंत्री हरिनारायण राय और उनकी पत्नी सुशीला देवी को गुरुवार (10 दिसंबर, 2020) को केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआइ) की अदालत में पेश किया गया. रांची स्थित सीबीआइ के स्पेशल जज की अदालत में पेशी के बाद पूर्व मंत्री और उनकी पत्नी को जेल भेज दिया गया.

हरिनारायण राय और उनकी पत्नी को सीबीआइ ने बुधवार को दुमका से गिरफ्तार किया था. आय से अधिक संपत्ति के मामले में श्री राय को सीबीआइ की विशेष अदालत ने 5 वर्ष कैद की सजा सुनायी थी. श्री राय ने सीबीआइ की विशेष अदालत के फैसले को झारखंड हाइकोर्ट में चुनौती दी थी. झारखंड हाइकोर्ट ने 4 नवंबर, 2020 को उनकी अपील को खारिज कर दिया. इसके बाद बुधवार को उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया.

हरिनारायण राय हाइकोर्ट में अपनी अपील पर सुनवाई के दौरान जमानत पर रिहा हुए थे. अदालत ने अपील पर सुनवाई के दौरान हरिनारायण राय को कोई राहत नहीं दी थी और उनके खिलाफ सीबीआइ की विशेष अदालत के फैसले को बरकरार रखा था. सीबीआइ ने हरिनारायण राय की पत्नी को भी बुधवार को गिरफ्तार कर लिया. सीबीआइ की विशेष अदालत ने 1.46 करोड़ रुपये की आय से अधिक संपत्ति मामले में पूर्व मंत्री हरिनारायण राय, उनकी पत्नी सुशीला देवी और भाई संजय कुमार राय को दिसंबर, 2016 में 5-5 साल की सजा सुनायी थी.

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हरिनारायण राय का भाई अब भी फरार है. आय से अधिक संपत्ति मामले में हाइकोर्ट में अपील खारिज होने के बाद सीबीआइ की विशेष अदालत ने श्री राय के खिलाफ गिरफ्तारी का वारंट जारी किया था. पूर्व मंत्री को दुमका स्थित उनके ससुराल से गिरफ्तार करने के बाद सीबीआइ की टीम उन्हें रांची ले आयी. दंपती को गुरुवार को सीबीआइ के स्पेशल जज की अदालत में पेश किया गया.

यहां बताना प्रासंगिक होगा कि जनवरी, 2017 में मनी लाउंड्रिंग के आरोप में पीएमएलए कोर्ट ने सभी को 7-7 की सजा सुनायी थी. पूर्व मंत्री ने सजा के खिलाफ अपील दायर की थी. आधी सजा काट लेने की वजह से हाइकोर्ट ने अपील के निबटारे तक उन्हें जमानत दे दी थी. पीएमएलए कोर्ट द्वारा सात साल की सजा सुनाये जाने के हरिनारायण ने हाइकोर्ट में अपील दायर कर वर्ष 2019 में विधानसभा चुनाव लड़ने की अनुमति मांगी थी, जिसे हाइकोर्ट ने ठुकरा दिया था.

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Posted By : Mithilesh Jha

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