रांची : बिहार में आवासीय प्रमाण पत्र का लाभ लेनेवाले 35 विद्यार्थियों के मेडिकल में नामांकन पर रोक लगाने को लेकर दायर मामले में बुधवार को झारखंड हाइकोर्ट में सुनवाई हुई. जस्टिस राजेश शंकर अदालत ने इस मामले में सरकार को स्टूडेंट से यह अंडरटेकिंग लेने को कहा है कि इन्होंने दोनों राज्यों में आवासीय प्रमाण पत्र का लाभ लेने के लिए आवेदन नहीं दिया है.
अदालत ने इस मामले में झारखंड सरकार को शपथ पत्र दायर करने का निर्देश दिया है. अगली सुनवाई के लिए छह जनवरी की तिथि तय की है. विवेक कुमार द्वारा दायर याचिका में कहा गया है कि नीट की ओर से मेडिकल में नामांकन को लेकर परीक्षा आयोजित की गयी. नीट एप्लीकेशन नंबर से जांच करने पर पता चला है कि बिहार में आवासीय प्रमाण पत्र का लाभ लेने वाले 35 स्टूडेंट्स ने झारखंड कोटे में भी नामांकन को लेकर यहां का आवासीय प्रमाण पत्र संलग्न किया है. इनकी काउंसेलिंग भी हो चुकी है.
नियम के तहत कोई भी स्टूडेंट दो राज्यों में एक साथ आवासीय प्रमाण पत्र का लाभ नहीं ले सकते हैं. अगर ऐसे छात्रों का नामांकन झारखंड कोटे में होता है, तो यहां के छात्रों का हक मारा जायेगा. इसलिए दोहरा लाभ लेनेवाले विद्यार्थियों के नामांकन पर रोक लगायी जाये. उन्होंने बताया कि 17 नवंबर को बिहार के मेडिकल कॉलेजों में नामांकन को लेकर परीक्षाफल प्रकाशित किया गया था. इसके बाद 19 नवंबर को झारखंड के मेडिकल कॉलेज में नामांकन को लेकर परीक्षाफल प्रकाशित किया गया.
विद्यार्थियों को लिख कर देना होगा कि उन्होंने दो राज्यों में आवासीय प्रमाण पत्र का लाभ लेने के लिए आवेदन नहीं दिया है
posted by : sameer oraon