आनंद तिवारी, पटना. बिहार पुलिस, परिवहन विभाग चलंत दस्ता व होमगार्ड में हुए चालक की भर्ती में फर्जीवाड़ा उजागर होने के बाद भी पुलिस व केंद्रीय चयन परिषद के जिम्मेदार अधिकारी सुस्त हैं.
यही वजह है कि पुलिस सॉल्वर गैंग के चक्रव्यूह को तोड़ नहीं पा रही है. इतने गंभीर मामले में जांच बढ़ना तो दूर नामजद अभ्यर्थियों द्वारा सॉल्वर गैंग के खुलासे के बाद भी सरगना की गिरफ्तारी तक नहीं हो रही है, जबकि 10 दिनों के अंदर तीनों ही विभाग के अलग-अलग पदों पर बहाली में करीब 200 से अधिक अभ्यर्थियों को गर्दनीबाग थाने की पुलिस जेल भेज चुकी है.
बताया जा रहा है कि गर्दनीबाग इंटर कॉलेज के ग्राउंड से पकड़े गये अभ्यर्थियों से सॉल्वर के बारे में पुलिस कई जानकारियां उगलवा चुकी है, लेकिन असली सरगना दूर है. पांच से अधिक गिरोह काम करते हैं. सभी गिरोहों को उनके सरगना संचालित करते हैं, जहां तक सॉल्वर न तो पहुंच पाते हैं और न ही नाम जानते हैं.
गर्दनीबाग में ताबड़तोड़ हुई अभ्यर्थियों की गिरफ्तारी और परीक्षा से लेकर बहाली तक के इस पूरे फर्जीवाड़े में किसकी क्या भूमिका थी, यह अभी पूरी तरह से स्पष्ट नहीं हो सकी है. खुलासा होने के बाद पता चलेगा कि अभ्यर्थी किस सॉल्वर गैंग की शरण में थे.
यह सब गिरफ्तारी के बाद ही पता चल सकेगा. लेकिन, पुलिस सिर्फ अभ्यर्थियों को पकड़ने व जेल भेजने के साथ ही दबिश देने व आरोपितों के न मिलने के बयान तक ही सीमित है. यहां बता दें कि गर्दनीबाग इंटर कॉलेज में 200 अभ्यर्थी पकड़े जा चुके हैं.
गर्दनीबाग के थाना प्रभारी अरुण कुमार ने बताया कि मामले में पुलिस व केंद्रीय चयन परिषद की टीम जांच कर रही है. लिखित परीक्षा में सेटिंग करने वालों के बारे में जानकारी हाथ लगी है. जल्द ही मुख्य सरगना पुलिस के शिकंजे में होगा. पुलिस मास्टरमाइंड की तलाश में जुट गयी है.
बुद्धा कॉलोनी थाना क्षेत्र की किराना गली स्थित विंध्याचल अपार्टमेंट से तीन महीने पहले सॉल्वर गिरोह के चार लोग पकड़े गये थे. इसमें अतुल वत्स के दो करीबी थे. इनके पास से डायरी में कई मेडिकल सहित अन्य परीक्षा में शामिल होने वाले अभ्यर्थियों के नाम मिले थे.
सूत्रों की मानें, तो सॉल्वर की सेटिंग करने वाला अतुल मेडिकल में पीजी से लेकर इंजीनियरिंग प्रवेश परीक्षा में अच्छे रैंक दिलाने के नाम पर सेट अभ्यर्थियों से दस लाख से डेढ़ करोड़ तक की वसूली करता था.
Posted by Ashish Jha