नयी दिल्ली : कोविड-19 महामारी के दौरान छात्रों से अधिक फीस वसूलने और ऑनलाइन कक्षाओं से इनकार करनेवाले निजी स्कूलों के खिलाफ कार्रवाई करने के दिल्ली सरकार के आदेश को लेकर दाखिल जनहित याचिका को हाईकोर्ट ने बुधवार को खारिज कर दिया.
Delhi High Court dismisses a Public Interest Litigation which sought directions to Delhi Government to take action against the private schools which have been allegedly overcharging fees and denying online classes to students during the COVID19 pandemic
— ANI (@ANI) December 9, 2020
न्यूज एजेंसी एएनआई के मुताबिक, दिल्ली हाईकोर्ट ने एक जनहित याचिका को खारिज कर दिया, जिसमें दिल्ली सरकार को कोविड-19 महामारी के दौरान छात्रों को ऑनलाइन फीस देने और ऑनलाइन कक्षाओं से इनकार करनेवाले निजी स्कूलों के खिलाफ कार्रवाई करने के निर्देश दिये गये थे.
मालूम हो कि दिल्ली सरकार ने कोविड-19 संकट के दौरान आदेश दिया था कि कोरोना महामारी के दौरान किसी भी निजी स्कूल को फीस बढ़ाने की अनुमति नहीं है. साथ ही कहा था कि फीस बढ़ाये जानेवाले स्कूलों पर सख्त कार्रवाई की जायेगी.
एंटी करप्शन काउंसिल ऑफ इंडिया ट्रस्ट की ओर से दायर याचिका पर मुख्य न्यायाधीश डीएन पटेल और न्यायाधीश प्रतीक जालान की खंडपीठ के समक्ष सात दिसंबर को सुनवाई होनी तय थी, लेकिन समय की पाबंदी के कारण सुनवाई टालते हुए अदालत ने नौ दिसंबर की तिथि तय की थी.
अधिवक्ता अशोक कुमार सिंह के जरिये दाखिल की गयी जनहित याचिका में समाचार रिपोर्टों का हवाला देते हुए दावा किया गया था कि कई निजी स्कूल कथित रूप से ट्यूशन फीस के अलावा विभिन्न मदों में अधिक फीस ले रहे हैं. साथ ही आरोप लगाया है कि फीस की राशि भुगतान करने में असमर्थता जताने पर छात्रों को ऑनलाइन कक्षाओं की सुविधाओं से वंचित किया जा रहा है.
दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने भी कहा था कि दिल्ली सरकार ने स्पष्ट किया है कि कोरोना संकट के दौरान स्कूल फीस बढ़ाने की अनुमति नहीं है. स्कूलों को केवल ट्यूशन फीस लेने की अनुमति है. साथ ही कहा था कि पूरी तरह से स्कूल जब तक नहीं खुलते, तब तक अन्य कोई फीस लेने की अनुमति नहीं होगी. उल्लंघन करने पर सख्त कार्रवाई की जायेगी.