19.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

रेटिंग एजेंसी फिच ने भारत के जीडीपी अनुमान में किया सुधार, लेकिन ‘बही-खाता’ को दुरुस्त करने की दी नसीहत

रेटिंग एजेंसी फिच ने चालू वित्त वर्ष 2020-21 के लिए भारत के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के अनुमान में संशोधन किया है. फिच का अनुमान है कि चालू वित्त वर्ष में भारत के जीडीपी में 9.4 प्रतिशत की गिरावट आएगी. इससे पहले फिच ने भारतीय अर्थव्यवस्था में 10.5 प्रतिशत की गिरावट का अनुमान लगाया था. चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में भारतीय अर्थव्यवस्था में उम्मीद से बेहतर सुधार के मद्देनजर रेटिंग एजेंसी ने अपने अनुमान में संशोधन किया है. लेकिन, इसके साथ ही उसने यह नसीहत भी दी है भारत को अपने 'बही-खाता' को दुरुस्त करना होगा.

नयी दिल्ली : रेटिंग एजेंसी फिच ने चालू वित्त वर्ष 2020-21 के लिए भारत के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के अनुमान में संशोधन किया है. फिच का अनुमान है कि चालू वित्त वर्ष में भारत के जीडीपी में 9.4 प्रतिशत की गिरावट आएगी. इससे पहले फिच ने भारतीय अर्थव्यवस्था में 10.5 प्रतिशत की गिरावट का अनुमान लगाया था. चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में भारतीय अर्थव्यवस्था में उम्मीद से बेहतर सुधार के मद्देनजर रेटिंग एजेंसी ने अपने अनुमान में संशोधन किया है. लेकिन, इसके साथ ही उसने यह नसीहत भी दी है भारत को अपने ‘बही-खाता’ को दुरुस्त करना होगा.

फिच ने मंगलवार को जारी अपने बयान में कहा कि कोरोना वायरस महामारी की वजह से पैदा हुई मंदी से देश की अर्थव्यवस्था बुरी तरह प्रभावित हुई है. ऐसे में भारत को अपने ‘बही-खाते’ को दुरुस्त करने और दीर्घावधि की योजना को लेकर सतर्कता बरतने की जरूरत है. फिच ने कहा, ‘अब हमारा अनुमान है कि 2020-21 में भारत के जीडीपी में 9.4 प्रतिशत की गिरावट आएगी.’

इससे पहले फिच ने भारत की अर्थव्यवस्था में 10.5 प्रतिशत की गिरावट का अनुमान लगाया था. फिच ने कहा कि आगे के वर्षों में भारतीय अर्थव्यवस्था 11 प्रतिशत से अधिक (कोई बदलाव नहीं) और 6.3 प्रतिशत (0.3 प्रतिशत अधिक) की दर से वृद्धि दर्ज करेगी. रेटिंग एजेंसी ने कहा, ‘हमारा मानना है कि महंगाई इस समय उच्च स्तर पर है और अब इसमें गिरावट शुरू होनी चाहिए. इससे आरबीआई को साल 2021 में ब्याज दरों में कटौती करने में आसानी होगी.’

फिच तीसरी प्रसिद्ध रेटिंग एजेंसी है, जो स्टैंडर्ड एंड पूअर (एसएंडपी )और मूडीज का छोटा रूप है. दरअसल, अगर किसी कंपनी की रेटिंग एजेंसियों द्वारा अच्छी कर दी जाती है, तो उस कंपनी को बाजार से पैसे उधार मिलने शुरू हो जाते हैं. साथ ही, बाजार में अच्छी छवि के कारण इसके शेयर में तेजी देखने को मिलती है. इसलिए देश, कंपनी और व्यक्ति हमेशा अच्छी रेटिंग की खोज में रहते हैं.

Also Read: RBI की बड़ी कार्रवाई : संकटग्रस्त इस Bank का लाइसेंस हुआ रद्द, लाखों लोगों के खातों में जमा गाढ़ी कमाई पर आफत?

Posted By : Vishwat Sen

Disclaimer: शेयर बाजार से संबंधित किसी भी खरीद-बिक्री के लिए प्रभात खबर कोई सुझाव नहीं देता. हम बाजार से जुड़े विश्लेषण मार्केट एक्सपर्ट्स और ब्रोकिंग कंपनियों के हवाले से प्रकाशित करते हैं. लेकिन प्रमाणित विशेषज्ञों से परामर्श के बाद ही बाजार से जुड़े निर्णय करें.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें