Bharat Bandh: कृषि कानूनों को लेकर राज्यसभा सांसद और वरिष्ठ कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने मंगलवार को केंद्र सरकार के खिलाफ हमला बोलने के साथ ही राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत पर भी निशाना साधा.‘भारत बंद’ के दौरान यहां छावनी क्षेत्र स्थित संयोगितागंज अनाज मंडी में कांग्रेसों के विरोध प्रदर्शन की अगुवाई करते हुए सिंह ने कहा कि भागवत (संघ समर्थित) भारतीय किसान संघ (बीकेएस) से कहें कि वह नये कृषि कानून वापस लेने की मांग को लेकर (आंदोलनरत) किसानों के साथ खड़ा रहे और धरना दे.
अगर वे ऐसा नहीं करेंगे, तो हम मानेंगे कि आप सब नाटक-नौटंकी केवल वोट के लिए करते हैं . समाज एवं धर्म के नाम पर महज राजनीति करते हैं. गौरतलब है कि संघ समर्थित बीकेएस ने सोमवार को कहा था कि वह नये कृषि कानूनों के खिलाफ मंगलवार को बुलाए गए ‘‘भारत बंद” का समर्थन नहीं करता है, लेकिन इन कानूनों में कुछ सुधार होने चाहिये.
सिंह ने सूबे की आर्थिक राजधानी कहे जाने वाले इंदौर में कांग्रेस के प्रदर्शन के दौरान दावा किया,नये कृषि कानूनों के अमल में आने के बाद कॉर्पोरेट क्षेत्र के बड़े उद्योगपति भारत के कृषि उत्पादों का वह विशाल बाजार हथिया लेंगे, जिसका आकार 12 लाख करोड़ रुपये और 15 लाख करोड़ रुपये के बीच आंका जाता है. राज्यसभा सांसद ने यह दावा भी किया कि अमेरिका सरीखे विकसित देशों के हितों की पैरवी करने वाले विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) के “दबाव में” मोदी सरकार ने वर्ष 2015 में इस निकाय के साथ “गुप्त समझौता” किया था और भारत के नये कृषि कानून इस कथित करार का ही परिणाम है.
सिंह ने कहा, “गेहूं, चना और सोयाबीन सरीखी फसलें एमएसपी से नीचे बिकने के कारण किसानों को घाटा हो रहा है. आखिर हम अन्नदाताओं को लेकर मोदी के वचनों पर भरोसा कैसे करें?” उन्होंने मोदी सरकार पर हमले जारी रखते हुए कहा, “जैसा कि वरिष्ठ कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा था कि मोदी के संरक्षण में सूट-बूट की सरकार चल रही है, जबकि दूसरी ओर गरीब, किसान, छोटे व्यापारी, मजदूर, हम्माल और तुलावटी हैं.
राज्यसभा सांसद ने मोदी सरकार से नये कृषि कानूनों को तत्काल वापस लेने की मांग की और कहा कि प्रधानमंत्री सर्वदलीय संसदीय समिति बनाकर किसानों के मसले सुलझाएं. .
Posted By: Utpal kant