पटना. सूबे के नगर निकायों के संरचना में बदलाव को लेकर इस वर्ष के शुरुआत में बनाये गये दो प्रस्ताव अब अगले वर्ष में शुरू हो सकेंगे. नगर निकायों के पुनर्गठन और पंचायतों को अपग्रेड कर नगर निकायों में शामिल होने की प्रक्रिया नये वर्ष के मार्च के बाद ही शुरू हो पायेगी.
नगर विकास व आवास विभाग की ओर से पहले से तैयार प्रस्ताव को जनगणना 2021 के आलोक में रोक दिया गया है.
गौरतलब है कि शहरीकरण को बढ़ावा देने के लिए करीब सौ कस्बों को नगर पंचायत बनाये जाने की अधिसूचना जारी कर दी गयी थी.
विभाग ने इस संबंध में जिलाधिकारियों से प्रस्ताव भी मांगा था, लेकिन जनगणना निदेशालय द्वारा वर्ष 2021 की जनगणना के आलोक में राजस्व एवं भूमि सुधार ने नगर विकास व आवास विभाग को पत्र भेज कर मार्च, 2021 तक किसी भी नगर निकाय, पंचायत या जिले के प्रशासनिक क्षेत्राधिकार की सीमाओं में किसी प्रकार का परिवर्तन नहीं किये जाने का निर्देश दिया था.
इसके पहले इस वर्ष राज्य में नगर निकायों में अन्य राज्यों की तरह दलीय स्तर के चुनाव कराने का भी प्रस्ताव बनाया गया था.
इसमें मेयर का सीधे चुनाव शहर की जनता कर सकती है. विभाग स्तर से निकायों में इसको लेकर बैठक आदि भी की गयी थी. मगर, फिलहाल यह प्रस्ताव अब ठंडे बस्ते में चला गया है.
वर्तमान में राज्य में नगर निकायों की संख्या 143 है. इनमें 12 नगर निगम और शेष नगर पर्षद व नगर पंचायत हैं. अगर पहले से तैयार किये गये प्रस्ताव के अनुसार आगे काम बढ़ता है , तो राज्य में 250 के लगभग नगर निकायों की संख्या हो जायेगी. इसमें नगर निगम से लेकर नगर पर्षद व नगर पंचायतों की संख्या बढ़ेगी.
प्रशासनिक स्तर से नगर निकायों का समय-समय से गठन किया जाता रहा है. नये नगर निकायों के गठन से प्रशासनिक कार्य से लेकर विकास की योजनाओं को जमीन पर उतारने को लेकर आसानी होती है.
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