सिल्क सिटी की बिजली सुधारने का ठेका जिस एजेंसी को मिला है, उन्हें 40 फीसदी काम पर अभी तक 88 करोड़ के करीब राशि का भुगतान कर दिया गया है. बावजूद इसके छह पावर सब स्टेशन के निर्माण में चार अधूरा है और दो जगहों पर काम तक शुरू नहीं हो सका है. ठेका की अवधि पूरी होने में अब तीन माह भी नहीं बचे हैं. मार्च में ठेका की अवधि पूरी हो जायेगी. इसके बाद गर्मी की शुरुआत के साथ बिजली की आंख मिचौनी शुरू हो जायेगी. लोगों को बिजली संकट का सामना करना पड़ेगा.
साल 2018 में 220 करोड़ से बिजली आपूर्ति में सुधार कार्य के लिए ठेका दिया गया था. मार्च 2020 में उन्हें काम पूरा करना है. उन्हें इस दो साल में छह बिजली उपकेंद्र का निर्माण के साथ खुले तारों को कवर्ड वायर से बदलने, अंडरग्राउंड लाइन बिछाने का काम करना है. मार्च में कार्यावधि पूरी हो रही है.
अभी तक काम के नाम पर केवल बहानेबाजी होती रही है. जब अब कार्यावधि पूरी होने का वक्त आया है तो कोरोना और चुनाव का बहाना बनाया जा रहा है. ठेका मिलने के साथ विभागीय पदाधिकारी ने ठेकेदार प्रेम दिखाना शुरू कर दिया था. यानी, काम शुरू भी नहीं किया और ठेकेदार को कारोड़ों रुपये एडवांस में दे दिया गया था.
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बिजली ठेका के तहत शहर में छह उपकेंद्र का निर्माण ठेकेदार को मार्च तक में कराना है मगर, अभी तक मेडिकल कॉलेज और टीएनबी कॉलेजिएट में काम तक शुरू नहीं हो सका है. बाकी के चार जगहों में भीखनपुर, सीटीएस, इंजीनियरिंग कॉलेज व कोढ़ा में उपकेंद्र का काम अधूरा पड़ा है. विभाग का दावा है कि भीखनपुर में अगले कुछ दिनों में उपकेंद्र चालू हो जायेगा.
Posted by : Thakur Shaktilochan