नयी दिल्ली : कृषि कानूनों (Farm Laws 2020) के विरोध में पिछले कई दिनों से प्रदर्शन कर रहे किसानों (Farmers Protest) से अब केंद्र सरकार (Central Government) बातचीत करने वाली है. इससे पहले गृहमंत्री अमित शाह (Amit Shah) पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह (CM Captain Amrinder Singh) से बातचीत करेंगे. उसके बाद किसान नेताओं के साथ केंद्र की अगले चरण की वार्ता होगी. इस बीच वाणिज्य और उद्योग राज्य मंत्री सोम प्रकाश (Som Prakash) ने कहा कि हमें उम्मीद है कि बैठक सफल होगी. बातचीत आयोजित करने का उद्देश्य एक समाधान खोजना है. उन्होंने कहा कि सरकार किसानों के साथ बिंदुवार चर्चा कर समाधान निकालेगी.
सोम प्रकाश ने कहा कि राष्ट्र के हित में सरकार खुले दिल से किसानों के साथ बातचीत करेगी. इससे पहले केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने भी किसानों के साथ बातचीत कर समस्या का हल निकालने की बात कही थी. लेकिन किसानों के साथ केंद्र की दो चरण की वार्ता विफल हो गयी है. गुरुवार को होने वाले अगले चरण की वार्ता से किसानों और केंद्र सरकार को काफी उम्मीदें हैं.
बता दें कि प्रदर्शन कर रहे किसानों की एक ही मांग है कि केंद्र सरकार जब तक तीनों कृषि कानूनों को वापस नहीं लेती है, तब तक आंदोलन जारी रहेगा. किसानों का कहना है कि केंद्र सरकार के नये कानूनों से न्यूनतम समर्थन मूल्य समाप्त हो जायेगा, जिससे किसानों को भारी नुकसान उठाना पड़ेगा. हालांकि न्यूनतम समर्थन मूल्य पर सरकार ने कई बार कहा है कि इसे समाप्त नहीं किया जायेगा. लेकिन किसान कानूनों को वापस लेने की मांग पर अड़े हैं.
पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह और उनकी कांग्रेस पार्टी किसानों के आंदोलन को पूर्ण समर्थन दे रही है. इस मुद्दे पर अमरिंदर सिंह गृह मंत्री से गुरुवार को बात करेंगे. साथ ही केंद्र सरकार किसान नेताओं से भी आज ही बात करेगी. अमरिंदर सिंह इस गतिरोध का सौहार्द्रपूर्ण हल ढूंढने के लिए शाह के साथ चर्चा करेंगे. पंजाब विधानसभा ने केंद्र के नये कृषि कानूनों को निष्प्रभावी बनाने के लिए विधेयक भी पारित किये हैं. सिंह ने कहा कि वह और उनकी सरकार सभी के सामूहिक हित में केंद्र और किसानों के बीच मध्यस्थता के लिए तैयार हैं.
कृषि कानूनों के विरोध में देशभर के किसान पिछले कई दिनों से राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली की सीमाओं से बाहर जमे हुए हैं. किसानों ने दिल्ली में प्रदर्शन की इजाजत मांगी थी. लेकिन दिल्ली पुलिस ने इजाजत देने से इनकार कर दिया और किसानों की रैली को दिल्ली से बाहर ही रोक दिया गया. इस दौरान किसानों और पुलिस के बीच कई बार झड़प भी हुई. पुलिस को भी किसानों को रोकने के लिए कई बार बल प्रयोग करना पड़ा.
प्रदर्शन कर रहे ज्यादातर किसान पंजाब से हैं. किसान नेताओं और केंद्र सरकार के बीच गुरुवार को अगले दौर की बातचीत होने वाली है. इससे पहले मंगलवार को दोनों पक्षों के बीच वार्ता बेनतीजा रही थी. केंद्र सरकार ने सितंबर में ये तीनों कानून बनाये थे और सरकार का दावा है कि उनसे बिचौलिये हटेंगे और किसान देश में कहीं भी अपनी उपज बेच पायेंगे और कृषि क्षेत्र में सुधार आयेगा. किसानों को डर है कि इन कानूनों से न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की व्यवस्था समाप्त हो जायेगी और कृषि मंडी खत्म हो जायेंगे.
Posted By: Amlesh Nandan.