Corona Vaccine news updates : कोरोना वायरस के खिलाफ दुनिया भर की मुहिम में एक अच्छी खबर है और वह यह कि ब्रिटेन के बाद अब रूस में भी अगले सप्ताह से आम आदमी को इसका टीका लगने लगेगा. रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने बुधवार को अधिकारियों को अगले सप्ताह से कोरोना वायरस के खिलाफ वैक्सीनेशन शुरू करने का आदेश दिया है. पुतिन ने उप प्रधान मंत्री तातियाना गोलिकोवा से कहा कि आप अगले सप्ताह मुझे कोई रिपोर्ट नहीं देंगे बल्कि पूरे देश में वैक्सीनेशन को शुरू कर देंगे. बता दें कि दो-दो कोरोना वायरस वैक्सीन बनाने के बाद भी रूस में कोरोना वायरस के मामले लगातार बढ़ते जा रहे हैं.
उधर, ब्रिटेन ने भी फाइजर-बायोएनटेक के कोविड-19 टीके को मंजूरी दे दी है. ब्रिटेन की दवा और स्वास्थ्य उत्पाद नियामक एजेंसी (एमएचआरए) ने टीके को सुरक्षित पाए जाने के बाद इसे मंजूरी दी है. दावा किया गया था कि यह टीका कोरोना वायरस की रोकथाम के लिए 95 प्रतिशत तक कारगर रहा है. अमेरिकी दवा कंपनी फाइजर और जर्मन कंपनी बायोएनटेक ने साथ मिलकर इस टीके को विकसित किया है. प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने इस शानदार खबर का स्वागत किया और इसकी पुष्टि की है कि अगले सप्ताह से टीका उपलब्ध कराने की शुरुआत होगी.
इसी के साथ रूस में कोरोना वायरस से संक्रमित लोगों की कुल संख्या 2,347,401 पहुंच गई है. पिछले 24 घंटे में कोरोना संक्रमण के कारण 245 लोगों की मौत हुई है. वहीं देश में इस महामारी से मरने वालों की तादाद 41,053 बताई जा रही है. हालांकि, कई विशेषज्ञों ने पहले ही शक जताया है कि रूस अपने यहां कोरोना के कुल मामलों को छिपाकर गलत आंकड़ा पेश कर रहा है.
रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने 11 अगस्त को दुनिया की पहली कोरोना वायरस वैक्सीन स्पूतनिक-वी को बनाने का दावा किया था. इसके बाद अक्टूबर में पुतिन ने दूसरी कोरोना वैक्सीन ‘EpiVacCorona’ के शुरुआती ट्रायल के बाद मंजूरी दी थी. स्पूतनिक-वी वैक्सीन को लेकर पुतिन ने यह भी दावा किया था कि इससे लोगों के ठीक होने की रफ्तार बढ़ी है और उनकी बेटी को खुद इसकी डोज दी गई है.
स्पूतनिक वी वैक्सीन को मॉस्को के गामलेया रिसर्च इंस्टिट्यूट ने रूसी रक्षा मंत्रालय के साथ मिलकर एडेनोवायरस को बेस बनाकर तैयार किया है. रूस की वैक्सीन सामान्य सर्दी जुखाम पैदा करने वाले adenovirus पर आधारित है. इस वैक्सीन को आर्टिफिशल तरीके से बनाया गया है. यह कोरोना वायरस SARS-CoV-2 में पाए जाने वाले स्ट्रक्चरल प्रोटीन की नकल करती है, जिससे शरीर में ठीक वैसा इम्यून रिस्पॉन्स पैदा होता है जो कोरोना वायरस इन्फेक्शन से पैदा होता है. यानी कि एक तरीके से इंसान का शरीर ठीक उसी तरीके से प्रतिक्रिया देता है जैसी प्रतिक्रिया वह कोरोना वायरस इन्फेक्शन होने पर देता लेकिन इसमें उसे COVID-19 के जानलेवा नतीजे नहीं भुगतने पड़ते हैं.
Posted By : Vishwat Sen
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