उत्तर प्रदेश में नोएडा के थाना सेक्टर-58 पुलिस ने सॉल्वर गिरोह का खुलासा किया है. गिरोह पिछले तीन साल में फर्जी तरीके से एग्जाम में आवेदकों की जगह सॉल्वर बैठाकर दिल्ली पुलिस समेत अन्य विभागों में करीब 100 लोगों की नौकरी लगवा चुके हैं. गिरोह के सरगना, दिल्ली पुलिस के दो सिपाहियों समेत कुल नौ लोगों को गिरफ्तार किया गया है. पुलिस का दावा है कि गिरोह का सरगना रक्षा मंत्रालय का एएसओ है. इसके एवज में आरोपित आवेदकों से 10 से 20 लाख रुपये तक वसूलता था.
पुलिस पूछताछ में गिरोह में 100 लोगों के शामिल होने की बात सामने आयी है. पुलिस ने करीब एक दर्जन लोगों को ट्रेस भी कर लिया है जिनकी जल्द ही गिरफ्तारी हो सकती है. पुलिस ने आरोपितों के कब्जे से कब्जे से दो लाख 10 हजार रुपये, चार कार, 11 मोबाइल फोन व अन्य सामान बरामद किये हैं.
अपर पुलिस आयुक्त लॉ एंड ऑर्डर लव कुमार ने बताया कि शनिवार को सेक्टर-62 स्थित परीक्षा केन्द्र आइओन डिजिटल जोन में चेकिंग के दौरान तीन लड़के गेट पर पकड़े गये थे. तीनों दिल्ली पुलिस की परीक्षा के पहली शिफ्ट में आवेदकों की जगह उनके आइकार्ड लेकर एग्जाम देने पहुंचे थे. सूचना पर थाना सेक्टर-58 पुलिस मौके पर पहुंची और तीनों आरोपितों को गिरफ्तार कर लिया. पूछताछ करने पर परीक्षा केन्द्र के बाहर से गिरोह के सरगना, दिल्ली पुलिस के दो सिपाही सहित 6 लोगों को पकड़ लिया गया.
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उन्होंने बताया कि पूछताछ में पता चला कि गिरोह का सरगना दिनेश जोगी है. दिनेश अपने मामा रवि कुमार जो इनकम टैक्स में इंस्पेक्टर है व उनके साथी गृह मंत्रालय में तैनात अरविन्द उर्फ नैन के साथ मिलकर गिरोह चलाता है. दिनेश जोगी ने भी वर्तमान में रक्षा मंत्रालय में एएसओ के पद पर अपनी जगह किसी और सॉल्वर को बैठाकर नौकरी प्राप्त की है जिसकी ज्वाइंनिंग कुछ दिनों में होने वाली थी.
अपर पुलिस आयुक्त लॉ एंड ऑर्डर लव कुमार ने बताया कि दिल्ली पुलिस के दो सिपाही रविन्द्र और मंजीत का काम सॉल्वर को उपलब्ध कराना था. दोनों मिलकर दिनेश जोगी को सॉल्वर उपलब्ध कराते थे. इसके बदले में जोगी उन्हें मोटी रकम देता था. पूछताछ में आरोपित सिपाहियों ने बताया कि उन दोनों ने ही आवेदक शिव कुमार, नितिन कुमार और प्रवीण की जगह तीन सॉल्वर दिनेश को उपलब्ध कराए थे.
पूछताछ में खुलासा हुआ है कि आरोपित दिनेश पिछले करीब तीन साल से यह काम कर रहा था. अब तक आरोपित करीब 100 लोगों की नौकरी दिल्ली पुलिस, हरियाणा पुलिस, रेलवे ग्रुप डी, एसएससी और अन्य विभागों में लगवा चुका है. जांच में सामने आया है कि आरोपित इस गोरख धंधे से अपनी करोड़ों की संपत्ति बना चुके हैं. नोएडा पुलिस अब जल्द ही गिरोह के अन्य सदस्यों की गिरफ्तारी के साथ-साथ उनकी संपत्ति की जांच भी शुरू करेगी.
Posted by: Thakur Shaktilochan