वीमेंस स्टडी विषय में भी सहायक प्राध्यापकों की नियुक्ति की जाये. बिहार राज्य विश्वविद्यालय सेवा आयोग द्वारा जारी सहायक प्राध्यापक की बहाली में वीमेंस स्टडी को शामिल करने की मांग तेज हो गयी है. वीमेंस स्टडी से पीएचडी डिग्री हासिल करने वाले लोगों ने कहा कि अगर असिस्टेंट प्रोफेसर की बहाली में वीमेंस स्टडी को शामिल नहीं किया जाता है, तो सभी लोग सड़क पर उतरेंगे, धरना-प्रदर्शन करेंगे.
ये बातें गुरुवार को वीमेंस स्टडी को शामिल कराने की मांग को लेकर बिहार महिला अध्ययन संघ, बिहार महिला समाज तथा पटना यूनिवर्सिटी के पूर्व शिक्षकों द्वारा प्रेस कॉन्फ्रेंस में कही गयीं. प्रेस को संबोधित करते हुए बिहार महिला अध्ययन संघ के महासचिव डॉ सुमित सौरभ ने कहा कि बिहार राज्य विश्वविद्यालय सेवा आयोग द्वारा वीमेंस स्टडी विषय को न तो मुख्य विषय, न ही एलाइड विषय के रूप में जगह दी गयी है. जबकि वीमेंस स्टडी की पढ़ाई पटना और मगध यूनिवर्सिटी में हो रही है. कई लोग पीजी और पीएचडी भी कर चुके हैं. अब इस स्थिति में पीएचडी करने वाले स्टूडेंट्स कहां जायेंगे, आयोग को इस संबंध में सोचना होगा.
पीयू समाज विज्ञान के पूर्व डीन प्रो भारती एस कुमार ने कहा कि बिहार के दो प्रतिष्ठित विवि में वर्षों से महिला अध्ययन विषय में एमए तथा पीएचडी की पढ़ाई हो रही है. अब तक सैकड़ों छात्रों ने इस विषय में मास्टर, पीएचडी की डिग्री प्राप्त की है. वीमेंस स्टडी की पूर्व अध्यक्षा प्रो डेजी नारायण ने कहा कि वीमेंस स्टडी के छात्र इतिहास, राजनीति विज्ञान, समाजशास्त्र इत्यादि विषयों का अधिक संपूर्णता में अध्यापन कर सकते हैं. इस विषय को एलाइड विषय के रूप में शामिल नहीं किया जाना नयी शिक्षा नीति 2020 की अवहेलना है.
Also Read: पटना आना-जाना होगा आसान, जेपी सेतु के समानांतर बनेगा फोरलेन केबल रोड ब्रिज, सिक्स लेन सड़क की सौगात
बिहार महिला अध्ययन संघ की अध्यक्षा सुनीता कुमारी ने कहा कि आयोग विज्ञापन में वीमेंस स्टडी को भी शामिल करे. अगर शामिल नहीं किया गया तो आने वाले दिनों में अनशन, धरना-प्रदर्शन होगा. मौके पर सचिव डॉ अरविंद कुमार, डॉ बसंत कुमार के साथ डॉ राजेश कुमार व अन्य लोग मौजूद थे.
Posted by : Thakur Shaktilochan