किसानों के मुद्दों को लेकर विपक्ष सरकार को घेरने की कोशिश कर रहा है, लेकिन सफल नहीं हो पा रहा है. विधानसभा अध्यक्ष पद के चुनाव में हार के बाद विपक्ष ने धान की खरीद को लेकर सदन के बाहर प्रदर्शन किया. संशोधन प्रस्ताव लाकर शुक्रवार को सरकार को घेरने की भी तैयारी का एलान कर दिया. वहीं, कृषि एवं सहकारिता मंत्री अमरेंद्र प्रताप सिंह सदन की कार्यवाही पूरी होने बाद विभाग पहुंचे और तीन जिलों के केंद्रों को चालू कराकर धान की खरीद की शुरुआत करा दी. धान की खरीद को लेकर सदन के बाहर प्रदर्शन से जुड़ी हर News in Hindi से अपडेट रहने के लिए बने रहें हमारे साथ.
सरकार पर दबाव बनाने के लिए कांग्रेस और वाम दलों के सदस्य गुरुवार को सदन की कार्यवाही शुरू होने से एक घंटे पहले ही पहुंच कर प्रदर्शन करने लगे. इनकी मांग थी कि धान की खरीद तुरंत शुरू करायी जाये. न्यूनतम समर्थन मूल्य में कटौती नहीं की जाये. पैक्स के अलावा एसएफसी, एफसीआइ, नाफेड और बिस्कोमान भी किसानाें से धान खरीदे. कांग्रेस के प्रेमचंद मिश्रा का कहना था कि सरकार ने 15 नवंबर से खरीद की घोषणा की थी, लेकिन खरीद अब तक शुरू नहीं हुई है. कांग्रेस शुक्रवार को इस मामले में संशोधन प्रस्ताव देगी.
सूत्रों के अनुसार कृषि एवं सहकारिता मंत्री अमरेंद्र प्रताप सिंह ने विभाग में करीब तीन घंटे तक धान के मुद्दे पर अधिकारियों के साथ मंथन करते रहे. विभाग से तब तक नहीं उठे, जब तक उनको यह सूचना नहीं मिल गयी कि तीन जिलों के क्रय केंद्रों को शुरू कराकर धान खरीद का शुभारंभ करा दिया गया है. धान की खरीद के लिए अभी 1317 पैक्स और व्यापार मंडल का चयन किया गया है. गुरुवार को मुंगेर, सुपौल और नालंदा के केंद्रों पर धान खरीदा गया. करीब एक दर्जन जिलों में शनिवार और बचे हुए जिलों में सोमवार तक खरीद शुरू हो जायेगी.
मंत्री ने अधिकारियों को आदेश दिया है कि किसानों को किसी भी तरह की दिक्कत नहीं होनी चाहिए. मुख्यालय स्तर पर गठित हेल्पलाइन पर आने वाली समस्याएं और सुझाव का तुरंत निस्तारण किया जाये. बिक्री रसीद मिलने के 48 घंटे में किसान के खाते में पीएफएमएस से पैसा पहुंच जायेगा. इस साल 30 लाख मीटरिक टन धान खरीद का लक्ष्य है. साधारण श्रेणी का धान 1868 और ए श्रेणी का 1888 रुपये प्रति क्विंटल की दर से खरीदा जायेगा. धान बेचने वाले किसान का निबंधन जरूरी है. गैर रैयत किसान से अधिकतम 75 और रैयत का 200 क्विंटल तक ही धान खरीदा जायेगा. धान में नमी 17% से अधिक नहीं होनी चाहिए.
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Posted by : Thakur Shaktilochan