Devuthni Ekadshi 2020: हिन्दू धर्म में कार्तिक मास की एकादशी का बहुत ही महत्व है. इस एकादशी को देवउठनी एकादशी के नाम से भी जाना जाता है. इस दिन भगवान विष्णु नींद से जागते हैं इसलिए इसे देव उठनी एकादशी कहा जाता हैं. इस एकादशी के दिन तुलसी विवाह किया जाता है. इस दिन शालीग्राम के साध तुलसी जी सात फेरे लेंगी. वहीं, इस दिन से ही मांगलिक कार्यों की शुरुआत हो जाती है. वहीं लोग इस दिन भगवान विष्णु को प्रसन्न करने के लिए कई उपाय भी करते हैं. कहा जाता है कि श्रीहरि को प्रसन्न कर उनसे इच्छापूर्ति की कामना करते हैं. इसलिए यदि आप भी चाहते हैं कि भगवान विष्णु आपकी भी मनोकामनाएं पूरी करें तो इस देव उठनी एकादशी के दिन आप कुछ विशेष और खास उपाय कर सकते हैं. आइए जानते है यहां कुछ ऐसे ही उपाय के बारे में जो इस दिन करना चाहिए…
देव उठनी एकादशी पर आप भगवान विष्णु को दूध में केसर मिलाकर अभिषेक करें. इससे भगवान विष्णु प्रसन्न होते हैं और आपकी मांगी गई हर इच्छा पूरी करते है. एकादशी के दिन सुबह जल्दी उठकर नदी में स्नान करना चाहिए. इससे आपके जीवन में आपको समस्त सुख प्राप्त होंगे. स्नान करने के बाद गायत्री मंत्र का जाप करें. ऐसा करने से आपका स्वास्थ्य ठीक रहेगा.
धन वृद्धि के लिए आप एकादशी के दिन विष्णु मंदिर में श्वेत मिठाई अथवा खीर का भोग लगाएं. और भोग में तुलसी के पत्ते जरुर डालें. इससे भगवान विष्णु जल्दी ही प्रसन्न होंगे.
एकादशी के दिन विष्णु मंदिर में एक नारियल और थोड़े बादाम चढ़ाएं. इस उपाय को करने से आपके अटके हुए काम बन जाएंगे.
एकादशी के दिन दक्षिणावृति शंख में जल भर भगवान श्रीहरि विष्णु और उनके अवतारों का अभिषेक करें. इस उपाय से भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी दोनों ही प्रसन्न होते हैं. और आपको धन वृद्धि का आशीर्वाद भी देते हैं.
कार्तिक शुक्ल एकादशी के दिन आप पीले रंग के कपड़े, पीले फल व पीला अनाज भगवान विष्णु को अर्पण करें. इसके बाद ये सभी वस्तुएं आप गरीबों और जरुरमंदों में बांट दें. ऐसा करने से भगवान विष्णु की कृपा आप पर बनी रहेगी.
देव उठनी एकादशी के दिन तुलसी के पौधे के सामने गाय के शुद्ध घी का दीपक जलाएं. और भगवान विष्णु का ध्यान करके व ‘ओम भगवते वासुदेवाय नम:’ मंत्र का जाप करते हुए तुलसी के पौधे की 11 परिक्रमा करें. इस उपाय से आपके घर में सुख और शांति बनी रहती है. और किसी भी प्रकार का कोई संकट नहीं आता है.
News Posted by: Radheshyam Kushwaha