देश में कोरोना की दूसरी लहर शुरू हो चुकी है. इस बीच कोरोना टीका की भी चर्चा तेज हो गयी है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ कोरोना टीका के वितरण और संभावित प्रतिकूल प्रभावों समेत अनेक पहलुओं पर चर्चा की.
प्रधानमंत्री ने बैठक में कहा कि कोरोना वायरस के खिलाफ नागरिकों को दिया जाने वाला कोई भी टीका सभी जरूरी वैज्ञानिक मानदंड पूरा करेगा और हर स्तर पर सरकारों को यह सुनिश्चित करने के लिए काम करना होगा कि टीकाकरण अभियान सुगम, क्रमबद्ध और सतत हो.
बैठक में मुख्यमंत्रियों ने प्रधानमंत्री को भरोसा दिलाया कि वे टीकाकरण कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए केंद्र के साथ काम करने को तैयार हैं. राज्यों ने उन्हें शीतगृह केंद्रों समेत जमीनी तैयारियों से अवगत कराया और सुझाव दिए.
प्रधानमंत्री ने टीका आने के बारे में कोई समयसीमा नहीं दी और कहा कि सरकार इस दिशा में करीब से निगरानी रख रही है जहां कुछ संभावित टीके परीक्षण के अंतिम चरण में पहुंच गए हैं. उन्होंने कहा कि सरकार के लिए नागरिकों की सुरक्षा उतनी ही प्राथमिकता में होगी जितनी टीकाकरण कार्यक्रम की रफ्तार.
कर्नाटक के मुख्यमंत्री ने बताया चार से छह सप्ताह में तैयार हो जाएगा कोरोना का टीका
कर्नाटक के मुख्यमंत्री बी एस येदियुरप्पा ने बैठक के बाद कहा कि इस तरह के संकेत हैं कि करीब चार से छह सप्ताह में टीका तैयार हो सकता है. येदियुरप्पा ने कहा कि बैठक में प्रधानमंत्री ने कहा कि केंद्र टीके के लिए तैयारी कर रहा है और राज्यों को भी सभी जरूरी बंदोबस्त करने चाहिए. येदियुरप्पा के साथ ही वीडियो कॉन्फ्रेंस से बैठक में भाग लेने वाले कर्नाटक के गृह मंत्री बासवराज बोम्मई ने कहा कि केंद्र ने राज्यों से कोविड-19 का टीका उपलब्ध होने पर उसके त्वरित तथा प्रभावी वितरण के लिए राज्य, जिला और तालुक स्तर पर एक संचालन समिति बनाने को कहा. उन्होंने कहा कि प्राथमिकता के आधार पर 30 करोड़ लोगों के लिए टीका उपलब्ध कराने की योजना है.
तेलंगाना के मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव ने कहा कि देश में अलग-अलग स्थानों पर विभिन्न मौसम और जलवायु परिस्थितियां हैं और वायरस भी पूरे देश पर एक जैसा प्रभाव नहीं डाल रहा. राव के कार्यालय से जारी बयान के अनुसार उनकी राय थी कि विभिन्न क्षेत्रों में टीके के अलग-अलग प्रतिकूल प्रभाव हो सकते हैं और टीकाकरण कार्यक्रम में इस बात का ध्यान रखा जाना चाहिए.
गोवा के मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत ने कहा, कोविड-19 का टीका आने की कोई निश्चित तारीख नहीं है, वहीं राज्यों को तैयार रहने के लिए कहा गया है क्योंकि जनवरी के बाद कभी भी यह आ सकता है.
मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने प्रधानमंत्री से अग्रिम पंक्ति के कार्यकर्ताओं के वास्ते प्राथमिकता के आधार पर टीके का प्रबंध किए जाने की मांग की. चौहान ने बताया कि प्रदेश के शहरी और ग्रामीण इलाकों में टीकाकरण के लिए एनसीसी (राष्ट्रीय कैडेट कोर), स्थानीय निकाय और गैर सरकारी संगठनों की सेवाएं ली जाएंगी.
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने प्रधानमंत्री से अनुरोध किया कि राज्य को कोविड-19 के टीके की उपलब्धता के समय अगले साल होने वाले हरिद्वार कुंभ को भी ध्यान में रखा जाए. रावत ने कहा कि राज्य सरकार के स्तर पर टीकाकरण के लिए प्राथमिकताएं तय करने के लिए सुनियोजित तरीके से रणनीति बनाई जा रही है. उन्होंने कहा कि टीकाकरण के लिए राज्य स्तर पर समितियों और जिला स्तर पर कार्य बलों का गठन किया गया है और इनकी बैठकें भी लगातार हो रही हैं.
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रधानमंत्री मोदी को कोविड-19 टीकाकरण को लेकर राज्य सरकार की तैयारियों के बारे में जानकारी दी. मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री को बताया कि टीकाकरण के लिए प्रदेश में व्यापक स्तर पर तैयारियां चल रही हैं और आवश्यक साजो-सामान का पहले से ही प्रबंध किया जा रहा है.
ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने सतर्क किया कि कोविड-19 का टीका आने के बाद भी संक्रमण से बचने के प्रबंधों में ढील नहीं दी जानी चाहिए क्योंकि यह स्पष्ट नहीं है कि टीका कितने समय तक प्रभावी रहेगा.
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने बैठक में सूचित किया कि अन्य राज्यों की तरह टीके के वितरण और टीकाकरण पर निगरानी रखने के लिए कार्यबल का गठन किया गया है. उन्होंने कहा कि कार्यबल टीके की उपलब्धता, इसके प्रतिकूल प्रभावों, कीमत और वितरण जैसे अनेक पहलुओं पर विचार-विमर्श करेगा.
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने प्रधानमंत्री मोदी को आश्वासन दिया कि उनकी सरकार राज्य में टीकाकरण कार्यक्रम के तेजी से क्रियान्वयन के लिए केंद्र और अन्य सभी पक्षों के साथ काम करने के लिए पूरी तरह तैयार है. उन्होंने कहा कि पूरा देश जल्द ही टीकाकरण कार्यक्रम शुरू होने को लेकर आशान्वित है और पश्चिम बंगाल प्रशिक्षित मानव संसाधन और आवश्यक बुनियादी ढांचे के साथ पूरी तरह तैयार है.
मेघालय के स्वास्थ्य मंत्री ए हेक ने कहा, ‘‘प्रधानमंत्री ने बैठक में कहा कि राज्यों को सभी जिलों में और सार्वजनिक स्वास्थ्य केंद्रों में भी टीकों के लिए शीत गृह तैयार रखने होंगे. मोदी ने मुख्यमंत्रियों से वायरस से निपटने तथा टीकाकरण कार्यक्रम के लिए अपने सुझाव भी लिखित में साझा करने को कहा. उन्होंने कहा, कोई एक अकेला यह काम नहीं कर सकता और उन्हें मिलकर यह काम करना होगा.
Posted By – Arbind Kumar Mishra