कोरोना वायरस संक्रमण के बढ़ते मामलों को देखते हुए दिल्ली में ल़ॉकडाउन लगाने की दिल्ली सरकार की याचिका को दिल्ली उच्च न्यायालय ने खारिज कर दिया है. साथ ही अदालत ने सरकार से पूछा है कि क्या दिल्ली में कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए लॉकडाउन ही एकमात्र समाधान है. क्यों दूसरे विकल्पों पर विचार नहीं किया जा सकता है. दिल्ली में बढ़ते संक्रमण के मामलों को देखते हुए केजरीवाल सरकार ने तत्तकाल प्रभाव से लॉकडाउन लागू करने की याचिका दायर की थी.
कोरोनावायरस मामलों को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने राज्य और केंद्र सरकार से रिपोर्ट मांगी है. कोर्ट ने कुछ राज्यों में बढ़ते मामलों पर चिंता जतायी है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि दिल्ली और गुजरात में कोरोनावायरस संक्रमण से हालात बद से बदतर होते जा रहे हैं. केंद्र सरकार और राज्य सरकारें इसकी रोकथाम के लिए क्या कदम उठा रहे रहे हैं इसकी पूरी रिपोर्ट सौंपे. कोर्ट ने सरकारों से दो दिन के अंदर रिपोर्ट देने को कहा है.
कोर्ट ने केंद्र सरकार और सभी राज्य सरकारों को दो दिन के भीतर स्थिति रिपोर्ट पेश कर यह विस्तार से बताने को कहा है कि वर्तमान के कोरोनावायरस संबंधी हालत से निपटने के लिए उन्होंने क्या कदम उठाए हैं. कोर्ट ने कहा कि कोविड-19 की स्थिति गुजरात में भी बदतर हुई और नियंत्रण से बाहर हो रही है. आपको बता दें कि बढ़ते मामलों को लेकर गुजरात सरकार ने नाइट कर्फ्यू लागू कर दिया है.
इधर दिल्ली सरकार द्वारा COVID19 प्रोटोकॉल के उल्लंघन के आधार पर इसे सील करने के आदेश को वापस लेने के बाद नांगलोई बाजार में दुकानें खुल गयी. नांगलोई बाज़ार, शुकर बाज़ार मार्केट असन के महासचिव सुभाष बिंदल ने बताया कि “कल रात ऑर्डर दिया गया.
वहीं दिल्ली में आज लगातार तीसरे दिन कोरोना संक्रमण के कारण 100 से ज्यादा मौत दर्ज की गयी है. जबकि रविवार को दिल्ली में रविवार को कोविड-19 के 6,746 नए मामले सामने आए. फिलहाल दिल्ली में कोरोना संक्रमण से मरनेवालों की संख्या 8,391 हो गयी है.
राजधानी में एक दिन में संक्रमण के सर्वाधिक मामले 11 नवंबर को सामने आए थे जब 8,593 नये पॉजिटिव केस मिले थे. पिछले 11 दिन में पांचवीं बार एक दिन में मौत के मामलों की संख्या 100 से अधिक है.
Posted By: Pawan Singh