हाथरस के चंदपा की बिटिया प्रकरण में सीबीआइ अलीगढ़ जेल में बंद चारों आरोपितों को हाथरस पुलिस की गारद संग गुजरात के गांधी नगर लेकर गयी है, जहां सभी चारों आरोपितों का नार्को के अलावा पॉलीग्राफी व ब्रेन मैपिंग टेस्ट होगा. न्यायालय से अनुमति मिलने के बाद सीबीआइ की टीम शनिवार देर शाम सभी को लेकर रवाना हुई थी. रविवार को सभी गुजरात पहुंच चुके हैं. इस दौरान अगर आरोपितों को कुछ दिन रुकना पड़ा तो गांधी नगर की जेल में ही रखा जायेगा. अदालत ने अपने आदेश में इस बात का उल्लेख किया है.
गुरुवार को सीबीआई ने स्थानीय पुलिस के सहयोग से घटना के चश्मदीद छोटू की कोरोना की जांच करायी थी. वहीं ऐसे में माना जा रहा है कि सीबीआइ इस मामले में सच्चाई तक पहुंचने के लिए छोटू सहित कुछ अन्य लोगों का नार्को टेस्ट करा सकती है. मृतक के परिजन, आरोपितों के परिजन व इस घटनाक्रम से जुड़े कुछ अन्य लोगों की भी नार्को टेस्ट सीबीआई करा सकती है. हालांकि बिटिया के परिजन पूर्व में खुद का नार्को टेस्ट कराने से इन्कार कर चुके हैं.
छोटू की मां ने छोटू को नाबालिग बताया है. छोटू की मां का कहना है कि वह नहीं चाहती कि छोटू का नार्को-पॉलीग्राफ टेस्ट हो. छोटू की मां का यह भी कहना है कि हाईस्कूल की मार्कशीट के हिसाब से छोटू अभी नाबालिग है. उसकी उम्र 16 साल है. वहीं छोटू के भाई का कहना है कि इस घटना के बाद उसका परिवार काफी परेशान है. एक तरह से उनकी रोजी-रोटी छिन गयी है. वह अपनी नौकरी पर नहीं जा पा रहा. मवेशियों के लिए चारे तक का इंतजाम नहीं हो पा रहा.
Posted by : Thakur Shaktilochan