साकिब, पटना . कोरोना से रिकवर होने के बाद भी कोरोना कुछ लोगों का पीछा नहीं छोड़ रहा है. कोरोना संक्रमण से ठीक होने के बाद उनमें स्वास्थ्य से जुड़ी तरह-तरह की समस्याएं आ रही हैं. ऐसे लोगों में ज्यादातर में फेफड़े से जुड़ी परेशानी, थकान, कमजोरी, खांसी, छाती में दर्द, मानसिक तनाव आदि देखने को मिल रहे हैं.
इसके साथ ही कुछ मरीजों में बाल झड़ने तक की समस्याएं सामने आ रही हैं. डॉक्टर बताते हैं कि कोविड के जो मरीज बेहद गंभीर होकर अस्पतालों में भर्ती रहते हैं, उनमें से ज्यादातर के फेफड़े को काफी नुकसान पहुंच चुका होता है.
ऐसे में वे ठीक होकर अस्पताल से घर आ भी जाते हैं, तब भी फेफड़ा क्षतिग्रस्त होने से सांस फूलने जैसी समस्या आती है. ऐसे मरीज पटना के अस्पतालों में लगातार डॉक्टरों के चक्कर लगा रहे हैं.
पीएमसीएच के मनोचिकित्सक डॉ सौरभ कुमार कहते हैं कि कोरोना के मरीजों में मानसिक तनाव की शिकायत कॉमन है. ठीक होने के बाद भी तनाव पीछा नहीं छोड़ता है. ऐसे लोग घबराहट, नींद न आना, बेचैनी हो रही है. इससे शरीर का हार्मोनल बैलेंस बिगड़ने लगता है. इससे कई बीमारियां हो सकती हैं.
पीएमसीएच में त्वचा रोग विशेषज्ञ डॉ विकास कुमार कहते हैं कि कोरोना होने के बाद कमजोरी के कारण त्वचा को नुकसान पहुंचता है. बाल झड़ने की आशंका बढ़ जाती है. ऐसे लोग अगर अगले तीन से छह माह तक अच्छा आहार लें और बालों की देखभाल करें, तो यह समस्या दूर हो सकती है. हरी सब्जी का सेवन अधिक करें.
पीएमसीएच में छाती रोग विशेषज्ञ डॉ सुभाष चंद्र झा कहते हैं कि लगातार ऐसे मरीज आ रहे हैं, जो कोरोना से ठीक हो चुके हैं, लेकिन अब उनमें फेफड़े से जुड़ी समस्याएं आ रही हैं. इनमें से ज्यादातर में हंफनी की शिकायत होती है.
फेफड़े को स्वस्थ रखने के लिए एक्सरसाइज करें. तीन से चार किलोमीटर रोजाना टहलें. एनएमसीएच के कोरोना नोडल पदाधिकारी और मेडिसिन विभाग के डॉक्टर अजय कुमार कहते हैं कि कोरोना से ठीक होने के बाद भी कुछ मरीजों में स्वास्थ्य से जुड़ी समस्याएं आ रही हैं. इसी को देखते हुए एनएमसीएच समेत कई अस्पतालों में पोस्ट कोविड क्लिनिक की शुरुआत की गयी है.
Posted by Ashish Jha