24.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

हीरादह नदी में डूबे 3 युवकों का 72 घंटे बाद भी नहीं मिला कोई सुराग, परिजनों ने की बोरा बांध बनाने की मांग

Jharkhand news, Gumla news :गुमला जिले का पर्यटक स्थल हीरादह नदी (Hiradah river) में पिछले दिनों डूबे 3 युवकों का 72 घंटे बाद भी पता नहीं चला है. एनडीआरएफ (NDRF) के 15 जवान मंगलवार को भी नदी में घुसकर युवकों की तलाश किये. लेकिन, सफलता नहीं मिली. युवाओं को खोजने में अब एनडीआरएफ की टीम भी हारते नजर आ रही है. मंगलवार को साढ़े पांच बजे युवाओं की तलाश बंद कर दी गयी. वहीं, परिवार के सदस्यों ने गुमला डीसी से नदी में बोरा बांध बनाने की मांग किया था. जिससे नदी के पानी की धारा को दूसरी दिशा में मोड़ा जा सके. जिससे नदी के जिस स्थान पर तीनों युवक डूबे हैं. वहां जलस्तर कम होने पर युवकों को खोजा जा सकेगा. परिवार के लोगों ने कहा कि प्रशासन से गुहार लगाने के बाद भी मदद नहीं मिली. इधर, प्रशासन से मदद नहीं मिलने के बाद परिवार का सब्र का बांध टूट पड़ा. प्रशासन के खिलाफ आक्रोश व्यक्त किया. नदी में बोरा बांध बनाने को लेकर प्रशासन से मदद नहीं मिलने के बाद शाम 5 बजे परिजन हीरादह से वापस गुमला लौट गये.

Jharkhand news, Gumla news : गुमला : गुमला जिले का पर्यटक स्थल हीरादह नदी (Hiradah river) में पिछले दिनों डूबे 3 युवकों का 72 घंटे बाद भी पता नहीं चला है. एनडीआरएफ (NDRF) के 15 जवान मंगलवार को भी नदी में घुसकर युवकों की तलाश किये. लेकिन, सफलता नहीं मिली. युवाओं को खोजने में अब एनडीआरएफ की टीम भी हारते नजर आ रही है. मंगलवार को साढ़े पांच बजे युवाओं की तलाश बंद कर दी गयी. वहीं, परिवार के सदस्यों ने गुमला डीसी से नदी में बोरा बांध बनाने की मांग किया था. जिससे नदी के पानी की धारा को दूसरी दिशा में मोड़ा जा सके. जिससे नदी के जिस स्थान पर तीनों युवक डूबे हैं. वहां जलस्तर कम होने पर युवकों को खोजा जा सकेगा. परिवार के लोगों ने कहा कि प्रशासन से गुहार लगाने के बाद भी मदद नहीं मिली. इधर, प्रशासन से मदद नहीं मिलने के बाद परिवार का सब्र का बांध टूट पड़ा. प्रशासन के खिलाफ आक्रोश व्यक्त किया. नदी में बोरा बांध बनाने को लेकर प्रशासन से मदद नहीं मिलने के बाद शाम 5 बजे परिजन हीरादह से वापस गुमला लौट गये.

नदी में डूबे सुनील कुमार भगत के पिता विवेकानंद भगत एव सुमित कुमार गिरी के बड़े भाई अमित कुमार गिरी ने बताया कि बोरा बांध बनाने के लिए गुमला डीसी से बात की गयी थी. जिसमें परिजनों द्वारा बांध बनाने का कार्य किया जा रहा है. जिससे पानी की तेज धारा को कम किया जा सके. जिससे एनडीआरएफ की टीम को तीनों डूबे युवकों को खोजने में आसानी हो सके. लेकिन, गुमला प्रशासन का जो रवैया है. उन्हें नदी में डूबे युवाओं से कोई मतलब नहीं है. इसलिए मदद नहीं कर रही है. सिर्फ एनडीआरएफ टीम के भरोसे हमलोग हैं. प्रशासन अगर बोरा बांध बनाने के लिए मजदूर की व्यवस्था कर दें, तो हमलोग जल्दी बोरा बांध बनाकर नदी के पानी के धारा को दूसरी दिशा में मोड़ सकते हैं.

Also Read: Chhath Puja 2020 : झारखंड के छठव्रती नदी- तालाब के घाट पर दे सकेंगे अर्घ्य, हेमंत सरकार ने कुछ शर्तों के साथ दी अनुमति
टीम अभी हारी नहीं है

एनडीआरएफ टीम के दीपक पांडेय ने बतलाया कि घटनास्थल काफी खतरनाक है. पानी के नीचे पत्थरों के खोह एवं भंवर जाल बना हुआ है. जिससे मुझे शव खोजने में काफी दिक्कत हो रही है. नदी में घुसने के बाद अंदरुनी चोट भी आयी है. फिर भी पानी का बहाव की रफ्तार धीमा होने पर हमारी टीम द्वारा तीनों युवकों के खोज निकाला जायेगा.

महिलाएं, बच्चों ने मिलकर बोरा में भरा बालू

प्रशासन से मदद नहीं मिलने के बाद तीनों युवकों के परिजन महिलाएं, पुरुष एवं बच्चे नदी के किनारे पहुंच गये. सभी लोग मेहनत करते हुए खाली बोरा में बालू भरते नजर आये. खुद परिजन बोरा खरीदे हैं, ताकि बोरा में बालू भरकर नदी में बोरा बांध बनाया जा सके.

Posted By : Samir Ranjan.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें