AIMIM, Asaduddin Owaisi, West Bengal: कोलकाता/हैदराबाद : बिहार विधानसभा चुनाव 2020 में बेहतर प्रदर्शन के साथ राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के तेजस्वी यादव की मेहनत पर पानी फेरने वाले असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी एआइएमआइएम (AIMIM)अब पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी का खेल बिगाड़ने की भी तैयारी कर रहे हैं. बिहार में बेहतर प्रदर्शन करने वाली ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुसलमीन (All India Majlis-e-Ittehadul Muslimeen) के मुखिया असदुद्दीन ओवैसी ने पश्चिम बंगाल में चुनाव लड़ने की घोषणा कर दी है. कांग्रेस और अन्य पार्टियां एआइएमआइएम को भाजपा की ‘बी टीम’ बताती हैं और भाजपा विरोधी पार्टियों का वोट बांटने के लिए ओवैसी की आलोचना करती रही हैं.
बिहार विधानसभा चुनाव 2020 में 5 सीटों पर जीत के अप्रत्याशित परिणाम से उत्साहित एआइएमआइएम (AIMIM) ने कहा है कि वह अब उत्तर प्रदेश और पश्चिम बंगाल में भी अपने पांव पसारने के लिए उत्सुक है. एआइएमआइएम के अध्यक्ष ने कहा है कि उनकी पार्टी पूर्वी राज्य के सीमांचल क्षेत्र में न्याय की लड़ाई लड़ेगी. भाजपा का विरोध करने वाली पार्टियों के वोट बांटने के आरोप पर ओवैसी ने कहा कि वह एक राजनीतिक पार्टी चला रहे हैं और पार्टी को चुनाव लड़ने का अधिकार है.
पत्रकारों ने जब ओवैसी से पूछा कि क्या उनकी पार्टी अन्य राज्यों में भी चुनाव लड़ेगी, तो उन्होंने कहा, ‘आपका मतलब है कि हमें चुनाव नहीं लड़ना चाहिए. आप (कांग्रेस) महाराष्ट्र में शिवसेना की गोद में जा बैठे. क्या किसी ने पूछा कि आप चुनाव क्यों लड़ते हैं. मैं पश्चिम बंगाल, उत्तर प्रदेश और देश में हर चुनाव लड़ूंगा. मुझे क्या चुनाव लड़ने के लिए किसी से मंजूरी लेने की जरूरत है.’ हालांकि, उन्होंने यह स्पष्ट नहीं किया कि इन जगहों पर उनकी पार्टी अकेले चुनाव लड़ेगी या किसी गठबंधन के साथ.
असदुद्दीन ओवैसी ने कहा, ‘एआइएमआइएम वर्ष 2022 में उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव लड़ेगी. यह तो समय ही बतायेगा कि हम किसके सहयोगी होंगे.’ अपनी पार्टी को बिहार में वोटकटवा कहे जाने पर उन्होंने पश्चिम बंगाल के कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी को आड़े हाथ लिया. लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष श्री चौधरी से उन्होंने सवाल किया कि वह बतायें कि अपने संसदीय या विधानसभा क्षेत्र में उन्होंने मुस्लिमों के लिए कौन-कौन से कल्याणकारी काम किये हैं.’
AIMIM के राष्ट्रीय अध्यक्ष Barrister @asadowaisi ने AIMIM बिहार के नवनिर्वाचित विधायकों से मुलाक़ात की और उनका पुरज़ोर इस्तक़बाल किया। pic.twitter.com/H4PoGT6dRO
— AIMIM (@aimim_national) November 12, 2020
ओवैसी ने कहा, ‘एआइएमआइएम बंगाल आ रही है. एआइएमआइएम पश्चिम बंगाल में चुनाव लड़ेगी.’ चुनाव आयोग के आंकड़े बताते हैं कि बिहार में चार करोड़ से ज्यादा लोगों ने अपने मताधिकार का इस्तेमाल किया. इनमें से 1.24 फीसदी वोट एआइएमआइएम को मिले हैं. बिहार विधानसभा चुनाव 2015 में पार्टी का प्रदर्शन खराब रहा था और उसे सिर्फ 0.5 फीसदी मत ही मिले थे. राजनीतिक विश्लेषक कहते हैं कि ओवैसी की एआइएमआइएम ने बिहार विधानसभा के तीसरे चरण के चुनाव में सीमांचल क्षेत्र में राजद नीत महागठबंधन के वोटों को भारी संख्या में प्रभावित किया.
ओवैसी की पार्टी बिहार में 20 सीटों पर चुनाव लड़ी, जिसमें से ज्यादातर सीटों पर तीसरे चरण में 7 नवंबर को मतदान हुआ था. एआइएमआइएम ‘ग्रैंड डेमोक्रेटिक सेक्युलर फ्रंट’ का हिस्सा है. इस गठबंधन का हिस्सा उपेंद्र कुशवाहा की राष्ट्रीय लोक समता पार्टी और बहुजन समाज पार्टी भी है. यहां बताना प्रासंगिक होगा कि एआइएमआइएम का प्रदर्शन उत्तर प्रदेश में वर्ष 2017 के विधानसभा चुनाव में अच्छा नहीं रहा था. तेलंगाना और बिहार के अलावा महाराष्ट्र में पार्टी के पास दो विधायक और एक सांसद हैं.
|@DilliDurAst calls my politics "ambitious, daring & even a little crazy"
In my public meetings, I say "manzil aqalmand ko nahi milti manzil junooni ko milti hai". Our voters deserve assertive & unapologetic representatives. Cant afford to be "careful" & "unemotional" about it https://t.co/vkv19eNt5P
— Asaduddin Owaisi (@asadowaisi) November 12, 2020
Posted By : Mithilesh Jha