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कोरोना पर लगाम

पिछले 106 दिनों में पहली बार सक्रिय संक्रमित मामलों की संख्या पांच लाख के आंकड़े से नीचे है. संक्रमित होने की दर पिछले सप्ताह में केवल 4.2 प्रतिशत रही है.

बीते कई महीने से चल रहीं कोरोना महामारी पर काबू पाने की कोशिशें कामयाब होती दिख रही हैं. पिछले 106 दिनों में ऐसा पहली बार हुआ है, जब सक्रिय संक्रमित मामलों की संख्या पांच लाख के आंकड़े से नीचे है. अमेरिका तथा यूरोप और एशिया के अनेक देशों में पिछले कुछ समय से संक्रमण की दूसरी लहर का कहर है. ऐसे में भारत में सक्रिय मामलों का घटना बहुत संतोषजनक है. अस्सी लाख से अधिक लोग कोविड-19 के वायरस से छुटकारा पा चुके हैं. प्रति दस लाख आबादी में संक्रमितों की तादाद के लिहाज से भी भारत उन देशों में है, जहां यह अनुपात अपेक्षाकृत कम है. वैश्विक स्तर पर यह अनुपात 6439 संक्रमण का है, वहीं भारत में यह 6225 है. संक्रमण से मृत्यु की दर भी बहुत नीचे है.

यदि पिछले सात दिनों का हिसाब देखें, तो भारत में प्रति दस लाख आबादी में तीन मौतें कोरोना की वजह से हुई हैं, जबकि वैश्विक स्तर पर यह औसत सात है. संक्रमित होने की कुल दर घटकर 7.18 प्रतिशत पर आ गयी है. पिछले सप्ताह में तो यह केवल 4.2 प्रतिशत रही है. लगभग 12 करोड़ कोरोना जांच की संख्या के साथ भारत सबसे अधिक जांच करनेवाले देशों में दूसरे पायदान पर खड़ा है. ये आंकड़े इंगित करते हैं कि केंद्र सरकार के निर्देशन में राज्य सरकारों का प्रबंधन, अस्पतालों में स्वास्थ्यकर्मियों की मुस्तैदी तथा अलग-अलग तरह से कोरोना के खिलाफ जंग में अगली कतार में जूझ रहे लोगों की मेहनत आखिरकार रंग ला रही है.

लेकिन एक ओर जहां कोरोना पर लगाम लगने के संकेत स्पष्ट रूप से दिख रहे हैं, वहीं दूसरी ओर इस तथ्य पर भी हमारी नजर रहनी चाहिए कि अभी रोजाना हजारों संक्रमण के मामले सामने आ रहे हैं और सैकड़ों मौतें हो रही हैं. बीते दिन देशभर में 44,281 लोग कोरोना संक्रमण के शिकार हुए हैं तथा 512 संक्रमितों की जान गयी है. राजधानी दिल्ली समेत देश के कुछ हिस्सों में कई दिनों से संक्रमण में तेजी से बढ़ोतरी हुई है. पर्व-त्योहार का मौसम है. ठंड भी बढ़ने लगी है. इसी के साथ वायु प्रदूषण भी खतरनाक हो चला है. पहले से ही विशेषज्ञ चेतावनी देते रहे हैं कि इन स्थितियों में कोरोना वायरस के फैलने की आशंका बहुत अधिक है.

स्वयं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश को संदेश देकर सावधानी बरतने का आग्रह किया था. स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से भी लगातार कहा जा रहा है कि हमें किसी भी तरह से लापरवाह नहीं होना है तथा मास्क पहनने, सैनिटाइजर का इस्तेमाल करने और परस्पर दूरी रखने जैसे अहम निर्देशों का पालन करते रहना है. कोरोना पर अंकुश लगाने में जन-जागरूकता का बहुत योगदान रहा है, लेकिन कई लोग जाने-अनजाने निर्देशों का उल्लंघन कर संक्रमित होने का खतरा पैदा करते हैं. हमें निरंतर सतर्कता बरतते हुए दवाई व टीके की व्यवस्था होने तक अपने प्रयासों को जारी रखना होगा.

Posted by: Pritish Sahay

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