भारत और चीन के बीच 6 नवंबर को चुशुल में आयोजित भारत-चीन कोर कमांडर स्तर की बैठक का आठवां दौर सकारात्मक रहा था लेकिन लेकिन भारत और चीन के बीच चल रहे गतिरोध को खत्म करने कि दिशा में कोई सफलता नहीं मिल पायी. हालांकि भारत सरकार ने एक बयान जारी कर कहा है कि अगले स्तर की बैठक जल्द ही आयोजित की जायेगी.
केंद्र की ओर से जारी बयान में कहा गया है, ” दोनों पक्षो के बीच एलएसी पर जारी गतिरोध को खत्म करने के लिए सकारात्मक वार्ता हुई और विचारों का आदान प्रदान हुआ.उन्होंने कहा, “दोनों पक्षों ने दोनों देशों के नेताओं की गयी महत्वपूर्ण सहमति को ईमानदारी से लागू करने के लिए सहमति बनी. साथ ही सीमा पर तैनात अपने सैनिकों को सयंम बरतने और गलतफहमी से बचने की सलाह दी है.
“भारत और चीन सैन्य और राजनयिक चैनलों के माध्यम से संवाद और संचार बनाए रखने के लिए सहमत हुए, और इस बैठक में चर्चाओं को आगे बढ़ाते हुए, अन्य मुद्दों को निपटाने पर भी बल दिया. ताकि संयुक्त रूप से सीमा क्षेत्रों में शांति बनाए रखी जा सके. भारत और चीन ने जल्द ही एक और दौर की बैठक करने पर सहमति जताई.
गौरतलब है की भारत चीन सीमा विवाद के छह महीने हो चुके हैं. पर अभी तक बातचीत से कोई हल नहीं निकल पाया है. जबकि लद्दाख के अलावा सिक्किम में भी दोनों देशों की सेना के बीच टकराव की स्थिति उत्पन्न हुई.
वहीं भारत के प्रमुख रक्षा अध्यक्ष बिपिन रावत ने शुक्रवार को कहा कि सीमा पर हो रही झड़पों और सैनिक कार्रवाई के कभी भी बड़े संघर्ष में परिवर्तित होने की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता है. साथ ही उन्होंने जोर देते हुए कहा कि हम वास्तविक नियंत्रण रेखा में कोई बदलाव स्वीकार नहीं करेंगे.
राष्ट्रीय रक्षा महाविद्यालय द्वारा आयोजित एक वेब सम्मेलन को संबोधित करते हुए भारत के प्रमुख रक्षा अध्यक्ष बिपिन रावत ने कहा कि पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा पर स्थिति तनावपूर्ण बनी हुई है. भारतीय सेना ने लद्दाख में चीन की जनमुक्ति सेना (पीएलए) की हरकतों का मुंहतोड़ जवाब दिया है.
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Posted By: Pawan Singh