Ropax ferry services between Surat and Saurashtra नयी दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने रविवार को सूरत के पास स्थित हजीरा से भावनगर जिले में स्थित घोघा तक रो-पैक्स फेरी सेवा (Ropax ferry services) का वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिये उद्घाटन किया. इस सेवा का उद्घाटन करने के बाद मोदी ने कहा कहा कि भावनगर और सूरत के बीच सड़क मार्ग से 375 किलोमीटर लंबा रास्ता तय करना पड़ता था, लेकिन इस सेवा के शुरू होने से समुद्री मार्ग से अब यह घटकर 90 किलोमीटर रह जायेगा.
अपने संबोधन में प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि आज घोघा और हजीरा के बीच रो-पैक्स सेवा शुरू होने से सौराष्ट्र और दक्षिण गुजरात, दोनों ही क्षेत्रों के लोगों का बरसों का सपना पूरा हुआ है, बरसों का इंतजार समाप्त हुआ है. इस सेवा से घोघा और हजीरा के बीच अभी जो सड़क की दूरी 375 किलोमीटर की है, वो समंदर के रास्ते सिर्फ 90 किलोमीटर ही रह जायेगी. यानि जिस दूरी को कवर करने में 10 से 12 घंटे का समय लगता था, अब उस सफर में 3-4 घंटे ही लगा करेंगे. ये समय तो बचाएगा ही, आपका खर्च भी कम होगा.
पीएम मोदी ने कहा, गुजरात में रो-पैक्स फेरी सेवा जैसी सुविधाओं का विकास करने में बहुत लोगों का श्रम लगा है, अनेक कठिनाइयां रास्ते में आई हैं. मैं उन सभी साथियों का आभारी हूं, उन तमाम इंजीनियर्स का, श्रमिकों का आभार व्यक्त करता हूं, जो हिम्मत के साथ डटे रहे. आज गुजरात में समुद्री कारोबार से जुड़े इंफ्रास्ट्रक्चर और कैपेसिटी बिल्डिंग पर तेजी से काम चल रहा है. जैसे गुजरात मेरीटाइम क्लस्टर, गुजरात समुद्री विश्वविद्यालय, भावनगर में सीएनजी टर्मिनल, ऐसी अनेक सुविधाएं गुजरात में तैयार हो रही हैं.
Also Read: EPFO Latest News : आपके खाते में जल्द ही पैसा डालने जा रही है मोदी सरकार, अपना PF अकाउंट रखिए अपडेट
मोदी ने कहा, सरकार का प्रयास, घोघा-दहेज के बीच फेरी सर्विस को भी जल्द फिर शुरू करने का है. इस प्रोजेक्ट के सामने प्रकृति से जुड़ी अनेक चुनौतियां सामने आ खड़ी हुई हैं. उन्हें आधुनिक टेक्नोलॉजी के माध्यम से दूर करने का प्रयास किया जा रहा है. समुद्री व्यापार-कारोबार के लिए एक्सपर्ट तैयार हों, ट्रेंड मैनपावर हो, इसके लिए गुजरात मेरीटाइम यूनिवर्सिटी बहुत बड़ा सेंटर है. आज यहां समुद्री कानून और अंतर्राष्ट्रीय व्यापार कानून की पढ़ाई से लेकर मैरीटाइम मैनेजमेंट, शिपिंग और लॉजिस्टिक्स में एमबीए तक की सुविधा मौजूद है.
प्रधानमंत्री ने कहा, सामान को देश के एक हिस्से से दूसरे हिस्से में ले जाने पर दूसरे देशों की अपेक्षा हमारे देश में आज भी ज्यादा खर्च होता है. वॉटर ट्रांसपोर्ट से लॉजिस्टिक्स के खर्च को कम किया जा सकता है. इसलिए हमारा फोकस एक ऐसे इकोसिस्टम को बनाने का है जहां कार्गो की निर्बाध गतिविधि हो सके. लॉजिस्टिक पर होने वाले खर्च को कम करने के लिए अब देश मल्टीमॉडल कनेक्टिविटी की दिशा में तेजी से कदम बढ़ा रहा है. कोशिश ये है कि रोड, रेल, एयर और शिपिंग से जुड़े इंफ्रास्ट्रक्चर की आपस में कनेक्टिविटी भी बेहतर हो.