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ISRO: आज लॉन्च होगा भारत का स्मार्ट सैटेलाइट ईओएस- 01, दुश्मन देशों पर रखेगा नजर

ISRO, PSLV श्रीहरिकोटा : भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संस्थान (Indian Space Research Organization, ISRO) आज 7 नवंबर 2020 को दोपहर तीन बजकर दो मिनट पर इस साल का अपना पहला सैटेलाइट लॉन्च करने वाला है. सैटेलाइट लॉन्च की तैयारी पूरी कर ली गयी है. यह लॉन्च दोपहर तीन बजे श्रीहरिकोटा के सतीष धवन स्पेस सेंटर (Satish Dhawan Space Center of Sriharikota) से होने वाला है. पीएसएलवी (PSLV c-49) रॉकेट से प्राइमरी सैटेलाइट EOS-01 और 9 दूसरे कमर्शियल सैटेलाइट को अंतरिक्ष में भेजा जा रहा है.

ISRO, PSLV श्रीहरिकोटा : भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संस्थान (Indian Space Research Organization, ISRO) आज 7 नवंबर 2020 को दोपहर तीन बजकर दो मिनट पर इस साल का अपना पहला सैटेलाइट लॉन्च करने वाला है. सैटेलाइट लॉन्च की तैयारी पूरी कर ली गयी है. यह लॉन्च दोपहर तीन बजे श्रीहरिकोटा के सतीष धवन स्पेस सेंटर (Satish Dhawan Space Center of Sriharikota) से होने वाला है. पीएसएलवी (PSLV c-49) रॉकेट से प्राइमरी सैटेलाइट EOS-01 और 9 दूसरे कमर्शियल सैटेलाइट को अंतरिक्ष में भेजा जा रहा है.

कोरोनावायरस महामारी के बाद पहली बार भारत कोई सैटेलाइट अंतरिक्ष में भेज रहा है. इसरो का सैटेलाइट ईओएस 01 (Earth Observation Satellite) को PSLV-C49 (PSLV- C49) रॉकेट से लॉन्च किया जायेगा. सी-49 नौ और सैटेलाइट के साथ उड़ान भरेगा. इसके साथ रिसैट-2 बीआर-2 समेत अन्य वाणिज्यिक सैटेलाइट उड़ान भरेंगे. दिसंबर 2020 में पीएसएलवी सी 50 और जनवरी या फरवरी 2021 में जीसैट- 12 आर को भी स्पेस में छोड़ा जायेगा.

क्या है ईओएस- 01

बता दें कि ईओएस- 01 (EOS-01) अर्थ ऑब्जरवेशन रिसेट सैटेलाइट का ही एक एडवांस्ड सीरीज है. इसमें सिंथेटिक अपर्चर रडार (SAR) लगा है. जो किसी भी समय और किसी भी मौसम में पृथ्वी पर नजर रख सकता है. इस सैटेलाइट की सबसे बड़ी खासियत है कि इससे बादलों के बीच भी पृथ्वी को देखा जा सकता है है स्पष्ट तस्वीर खींची जा सकती है. इससे भारतीय सेना को भी बड़ी मदद मिलेगी.

Also Read: ISRO का नहीं होगा निजीकरण, निजी कंपनियां मिलकर करेंगी काम, इसरो चीफ ने कही यह बात
पाकिस्तान और चीन की हालत खबरा

इस सैटेलाइट के अंतरिक्ष में स्थापित होने से पाकिस्तान और चीन ही हालत खराब है. ईओएस- 01 अंतरिक्ष से कई ऐसे फोटो भी मिल सकेंगे जो दूसरे सैटेलाइट के लिए संभव नहीं है. सीमा पर दुश्मनों की गतिविधियों पर नजर रखने में भी यह सैटेलाइट कारगर साबित हो सकता है. इससे दुश्मनों की गतिविधियों की सटीक जानकारी मिल सकेगी. भारत ने हाल ही अमेरिका के साथ BECA समझौता किया है, जिससे अब सीमा पर नजर रखने में और भी मदद मिलेगी.

क्या है पीएसएलवी

पोलर सैटेलाइट लॉन्च व्हिकल (Polar satellite launch vehicle, PSLV) भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (Indian Space Research Organization) द्वारा संचालित एक प्रक्षेपण प्रणाली है. जिसे भारत ने अपने सैटेलाइट को प्रक्षेपित करने के लिये विकसित किया है. पीएसएलवी छोटे आकार के उपग्रहों को भू-स्थिर कक्षा में भी भेज सकने में सक्षम है. अब तक पीएसएलवी की सहायता से 70 से अधिक अन्तरिक्षयानों को विभिन्न कक्षाओं में प्रक्षेपित किये जा चुका हैं.

Posted By: Amlesh Nandan.

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