बोकारो (सुनील तिवारी) : क्या आप बीएसएल-सेल कर्मी हैं ? आपकी आम जिंदगी असंतुलित है ? अपने बच्चों की पढ़ाई पर ध्यान नहीं दे पा रहे हैं ? पारिवारिक व सामाजिक जिम्मेदारी निभाने में असहज महसूस कर रहे हैं ? अपने आप को अप-टू-डेट करना चाहते हैं ? खेलकूद की एक्टिविटी में शामिल होना चाहते हैं ? रोचक ट्रीप का शौक पूरा करना चाहते हैं ? अगर, उक्त सभी सवालों का जवाब ‘हां’ है तो बीएसएल-सेल प्रबंधन ने आप जैसे कर्मियों के लिये ही ‘शॉर्टर वर्किंग पीरियड स्कीम’ शुरू की है.
बोकारो स्टील प्लांट सहित सेल कर्मी अब हाफ ड्यूटी की अपनी जिम्मेदारी निभा सकते हैं. इसे लेकर सेल प्रबंधन ने सर्कुलर जारी कर दिया है, जिसे बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स ने एप्रूव किया है. इस स्कीम के तहत वेतन, भत्ता, बोनस/पीआरपी आधा मिलेगा. मेडिकल-क्वार्टर सहित अन्य सुविधाएं पूर्ववत रहेंगी. ड्यूटी का प्रकार प्रतिदिन हाफ टाइम, सप्ताह में तीन दिन या माह में तेरह दिन का हो सकता है. विस्तृत जानकारी संबंधित सर्कुलर में दी गयी है.
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सेल के वैसे स्थायी कर्मी जो कम से कम दस साल की सेवा पूरी कर चुके हों, उन्हें बेहतर वर्क-लाइफ बैलेंस के अवसर उपलब्ध कराने के लिए यह योजना लायी गयी है. अटेंडेंट-एस-1 से लेकर महाप्रबंधक-ई-7 तक के बीएसएल-सेल कर्मी इसके लिए आवेदन दे सकते हैं. वैसे कर्मचारी जो पहले से ही अनधिकृत अवकाश पर हैं या कंपनी से इस्तीफा दे चुके हैं और नोटिस पीरियड में हैं, वे इस योजना का लाभ नहीं उठा सकेंगे.
योजना का लाभ उठाने वाले बीएसएल-सेल कर्मी इस दौरान किसी दूसरे संस्थान में नौकरी नहीं कर सकते, न ही व्यवसाय संबंधित गतिविधियों में हिस्सा ले सकते हैं. कर्मियों को प्रत्येक सप्ताह तीन दिन काम करने अथवा हर अल्टर्नेट डे काम करने या प्रत्येक कार्य दिवस चार घंटे काम करने या महीने के आधे वर्किंग डे काम करने का विकल्प उपलब्ध होगा. विकल्प का चुनाव कर्मी के विभाग की आवश्यकताओं के अनुरूप विभागाध्यक्ष की सहमति से ही मिल सकेगा.
किसी भी कर्मी को इस योजना का लाभ देने या न देने का निर्णय प्रबंधन का होगा. अनुमति मिलने के बाद भी यदि जरूरत पड़ी, तो प्रबंधन उसे किसी भी समय रद्द कर सकता है. योजना का लाभ एक साल तक के लिए ही दिया जायेगा, जिसे प्रबंधन एक और साल या उससे कम अवधि के लिए बढ़ा सकता है. स्टडी लीव, मातृत्व छुट्टी, बच्चों के रख-रखाव के लिए छुट्टी व अन्य ट्रेनिंग के लिए ली गयी छुट्टी इस दौरान मान्य होगी.
इस योजना को प्रबंधन ने इस उदेश्य से लाया है. कर्मियों को अपने पारिवारिक जीवन से जुड़ी जिम्मेदारियों को बेहतर तरीके से पूरा करने के लिए समुचित अवसर प्रदान करना (परिवार के सदस्यों की बीमारी का इलाज या बच्चों की पढ़ाई), कर्मियों को सेल्फ डेवलपमेंट के अवसर प्रदान करना, सामाजिक कार्यों में भाग लेने के अवसर प्रदान करना, खेल-कूद, पर्वतारोहण, एडवेंचर स्पोर्ट्स में भागीदारी के अवसर उपलब्ध कराना.
Posted By : Guru Swarup Mishra