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इतिहास में पहली बार इंटरपोल की वार्षिक महासभा स्थगित, जानें क्या है वजह

कोरोना महमारी (coronavirus Pandemic) के कारण इस बार इंटरपोल (Interpol) के वार्षिक महासभा का आयोजन नहीं किया जायेगा. इंटरपोल के इतिहास में ऐसा पहली बार होगा की वार्षिक महासभा का आयोजन नहीं किया जायेगा. बता दे कि इंटरपोल का 89 वां महासभा संयुक्त अरब अमिरात में होना था पर कोरोना संक्रमण को देखते हुए इसे स्थगित करने का फैसला लिया गया है.

कोरोना महमारी के कारण इस बार इंटरपोल के वार्षिक महासभा का आयोजन नहीं किया जायेगा. इंटरपोल के इतिहास में ऐसा पहली बार होगा की वार्षिक महासभा का आयोजन नहीं किया जायेगा. बता दे कि इंटरपोल का 89 वां महासभा संयुक्त अरब अमिरात में होना था पर कोरोना संक्रमण को देखते हुए इसे स्थगित करने का फैसला लिया गया है.

194 सदस्यीय देशों की इस वार्षिक बैठक में आतंकवाद, संगठित अपराधों और आपराधिक नेटवर्क पर सहयोग के बारे में चर्चा की जाता है. पर कोरोना संक्रमण को देखते हुए इंटरपोल की कार्यकारी समिति ने यह निष्कर्ष निकाला कि इस साल दुनिया में कहीं भी 89 वां महासभा रखना अनुचित और भौतिक रूप से असंभव है.इंटरपोल ने एक बयान में कहा, “कानूनी, तकनीकी और तार्किक कारणों के कारण, वर्तमान में वर्चुअल GA के लिए कोई व्यवहार्य विकल्प नहीं है.” इसलिए यह बैठक ऑनलाइन नहीं सकती है. इंटरपोल के महासचिवजेरगन स्टॉक, महासचिव, ने कहा कि “यूएई के अधिकारियों ने कोविड-19 महामारी के कारण सामने आयी समस्याओं के समाधान की पहचान करने के लिए बहुत मेहनत की। हालांकि पर दुर्भाग्य से यह वार्षिक सभा की लिए योजना के अनुसार आगे बढ़ना संभव नहीं है ”.

उन्होंने कहा: महासभा नहीं होने के बावजूद, हमारे साथी 194 सदस्यीय देशों का हम समर्थन करेंगे और उन्हें हर प्रकार से सहयोग करेंगे. हालांकि इसके बाद महासभा का आयोजन कब किया जायेगा इसके लिए नये तारीखों की घोषणा नहीं की गयी है.

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बता दे की वर्ष 2022 में भारत इंटरपोल क 91 वां महासभा की मेजबानी करेगा. इसके लिए भारत का नाम तय किया हुआ है. पर अभी इस बात का पता नहीं चल पाया है कि इस बार जो बैठक स्थगित की गयी है उसका असर दूसरी बैठकों प्रभावित करेगा.

इंटरपोल ने कहा कि स्थगित करने का तात्पर्य है कि बजट के अलावा, जिसे असाधारण रूप से कार्यकारी समिति द्वारा अनुमोदित किया जा सकता है, अन्य सभी वैधानिक वस्तुएं जीए के अगले सत्र तक लंबित रहेंगी. इसमें कार्यकारी समिति और इंटरपोल की फाइलों के नियंत्रण आयोग (CCC) के लिए चुनाव शामिल हैं.

भगोड़ों द्वारा की गई प्रस्तुतियों का विश्लेषण करने के बाद रेड कॉर्नर नोटिस के मामलों को तय करने के लिए CCC एक महत्वपूर्ण अभ्यास है. कोई भी आरोपी, जो अपनी मातृभूमि से भाग गया है, इंटरपोल को राजनीतिक और धार्मिक कारणों से निशाना बनाए जाने के आधार पर याचिका दे सकता है.

Posted By: Pawan Singh

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