बिहार विधानसभा चुनाव 2020, News Update: राजगीर विधानसभा (अजा) में धुआंधार चुनाव प्रचार किया जा रहा है. यहां से 22 प्रत्याशी अपनी किस्मत आजमा रहे हैं. मुकाबला दिलचस्प होने के आसार हैं. यहां चुनाव परिणाम इस बार फिर नयी इबारत लिखेगा. बिहार विधानसभा चुनाव 2020 Latest News से जुड़ी हर खबर के लिये बने रहिये prabhatkhabar.com पर.
अगर कांग्रेस की जीत होती है, तो 58 साल बाद इस विधानसभा क्षेत्र में दोबारा उसका खाता खुलेगा. परंतु जदयू की जीत होती है, तो इस सीट पर उसकी वापसी के साथ पकड़ भी मजबूत होगी. निवर्तमान विधायक रवि ज्योति कुमार अपनी विधायकी बचाने के लिए एड़ी-चोटी का जोर लगा रहे हैं. इस बार वे पाला बदलकर कांग्रेस के उम्मीदवार हैं.
उनकी सीधी लड़ाई एनडीए समर्थित जदयू के कौशल किशोर (मणिकांत आर्य) से है. कौशल के पिता सत्यदेव नारायण आर्य राजगीर से आठ बार विधायक चुने गये हैं. वे दो बार बिहार सरकार के मंत्री भी रहे हैं. वर्तमान में वे हरियाणा के राज्यपाल हैं. जदयू अपनी सीट बरकरार रखने के लिए हरसंभव प्रयास कर रहा है.
इस बार जदयू ने एलएलबी कौशल किशोर पर दांव लगाया है. वह सभी जाति-धर्म के वोटरों के घर जाकर अपना दामन फैला रहे हैं. 1957 में राजगीर विधानसभा क्षेत्र (सुरक्षित) का गठन हुआ है. इसके बाद लगातार दो बार कांग्रेस के विधायक यहां से चुने गये. कभी भाजपा का दुर्ग रहा राजगीर पर अब जदयू का कब्जा है.
58 साल से राजगीर में कांग्रेस का खाता नहीं खुला है. इस बार के राजनीतिक समझौते में यह सीट कांग्रेस के कोटे में है. खाता खोलने के लिए कांग्रेस एड़ी-चोटी का जोर लगा रही है. एनडीए गठबंधन में यह सीट जदयू के खाते में गयी है. पुलिस की नौकरी छोड़ राजनीति में आये रवि ज्योति कुमार पिछली बार राजगीर से जदयू के विधायक चुने गये थे. फिलहाल वह कांग्रेस का दामन थाम रखे हैं.
प्रत्याशियों के सामने कई मुद्दे : राजगीर विधानसभा में पर्यटन, स्वास्थ्य, शिक्षा, सड़क, बिजली, पुल आदि क्षेत्र में कई उल्लेखनीय कार्य हुये हैं. यह सभी काम मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के पहल से हुये हैं. बावजूद यहां कई चुनावी मुद्दे हैं, जो उम्मीदवारों के लिये यह किसी चुनौती से कम नहीं है.
राजगीर विधानसभा क्षेत्र का बड़ा हिस्सा कृषि, पर्यटन और विरासत से जुड़ा है. कृषि, सिंचाई, विरासत, ग्रामीण पर्यटन, गरीबी, बेरोजगारी, पलायन, राजगीर नगर में सालों पेयजल संकट, सीवरेज कनेक्शन आदि जैसे कई गंभीर मुद्दे हैं.
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2015 में जदयू के रवि ज्योति कुमार ने 62009 मत प्राप्त कर जीत दर्ज की, जबकि दूसरे स्थान पर रहे भाजपा के सत्यदेव नारायण आर्य को 56619 मत मिले
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2010 में भाजपा के सत्यदेव नारायण आर्य ने 50648 मत प्राप्त कर जीत दर्ज की, जबकि लोजपा के धनंजय कुमार 23697 मत प्राप्त कर दूसरे स्थान पर रहे
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2005 में भाजपा के सत्यदेव नारायण आर्य ने 36344 वोट प्राप्त कर विजय हुए, जबकि सीपीआइ के अर्जुन पासवान 10328 मतों के साथ दूसरे स्थान पर रहे.
Posted by Ashish Jha