राज किशोर सिंह, खगड़िया : जिले में चुनावी तापमान अपने रंग में आ गया है. यहां की चारों विधानसभा सीटों पर विकास बनाम बदलाव का मुद्दा छाया हुआ है. पारंपरिक वोट की गोलबंदी के अलावा सहानुभूति को भी भुनाने की बात कही जा रही है.
जदयू के लिए जहां इस जिले की सभी सीटों को जीतना आसान नहीं है, वहीं ,राजद व लोजपा के लिए भी राह कठिन है. जाप, बागी व निर्दलीय भी समीकरण को ध्वस्त करने की कोशिश कर रहे हैं. यहां तीन नवंबर को वोट डाले जायेंगे.
खगड़िया, परबत्ता, अलौली व बेलदौर विधानसभा सीटों पर पूरे बिहार की नजर है. 2015 में जदयू ने परबत्ता, खगड़िया व बेलदौर विधानसभा सीटों पर जीत का परचम लहराया था. इस बार चारों विधानसभा सीटों पर एनडीए से जदयू ने अपने उम्मीदवार उतारे हैं.
खगड़िया विधानसभा सीट से पांचवीं बार विधायक का ताज पहनने के लिए फिर एक बार निवर्तमान विधायक पूनम देवी यादव जनता दल यू के तीर छाप से मैदान में डटी हुई हैं. यहां इनके सामने महागठबंधन से हाथ (कांग्रेस) के सहारे छत्रपति यादव मैदान में हैं. वहीं पूर्व मंत्री रेणु कुशवाहा भी लोजपा से मैदान में दमखम के साथ डटी हुई हैं.
परबत्ता विधानसभा की बात करें तो यहां से पांच बार के विधायक व पूर्व मंत्री रहे आरएन सिंह के पुत्र डॉ संजीव कुमार पहली बार विधानसभा पहुंचने के लिए कोई कोर-कसर नहीं छोड़ रहे हैं. परबत्ता से राजद ने दिगंबर चौरसिया को मैदान में उतारा है. परबत्ता जदयू का गढ़ माना जाता है.
बेलदौर विधानसभा की बात करें, तो निवर्तमान विधायक पन्ना लाल सिंह पटेल पर जदयू ने एक बार फिर भरोसा करते हुए टिकट दिया है. वे चार बार से बेलदौर विधानसभा सीट से जीत का परचम लहरा चुके हैं. उनके सामने महागठबंधन से कांग्रेस उम्मीदवार डॉ चंदन यादव जीत के लिए जोर आजमाइश कर रहे हैं.
दिवंगत रामविलास पासवान के गृह क्षेत्र अलौली विधानसभा सीट पर राजद ने निवर्तमान विधायक चंदन कुमार का टिकट काट कर रामवृक्ष सादा को मैदान में उतारा है. जदयू ने यहां पूर्व पार्टी जिलाध्यक्ष साधना देवी को उम्मीदवार बनाया है. यहां पर लोजपा से पूर्व विधायक रामचंद्र सादा मैदान में हैं.
Posted by Ashish Jha