कोई भी काम छोटा नहीं होता और काम से बड़ा कोई धर्म नहीं होता. एक फिल्म में ये डायलॉग है. आमतौर पर फिल्मी डायलॉग वास्तविक जीवन से मेल नहीं खाते लेकिन, ये संवाद हमारी स्टोरी में शामिल कुछ महिलाओं पर फिट बैठता है. जिन्होंने ये साबित किया है कि कोई भी काम छोटा नहीं होता. इनमें से कोई प्लबंर मैकेनिक हैं तो कोई ट्रक मैकेनिक. कई महिलाएं मोटरबाइक मैकेनिक हैं. इन महिलाओं का बतौर मैकेनिक काम करना जितना सुखद है उससे भी ज्यादा सुखद है इनका अनुभव और हिम्मत.
Posted By- Suraj Thakur