20.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

Smart phone users in jharkhand : झारखंड में 52% के पास स्मार्टफोन नहीं, ऑनलाइन पढ़ाई बाधित

असर 2020 की रिपोर्ट : झारखंड l ग्रामीण क्षेत्र के स्कूलों में पठन-पाठन का किया गया सर्वे

रांची : एनुअल स्टेट्स ऑफ एजुकेशन (असर 2020) की रिपोर्ट बुधवार की देर शाम जारी कर दी गयी. इस बार सर्वे ऑनलाइन किया गया और कोविड-19 के कारण विद्यालय बंद होने की स्थिति में पठन-पाठन पर पड़े प्रभाव की जानकारी एकत्र की गयी. रिपोर्ट में ग्रामीण क्षेत्र के विद्यालयों के बारे में जानकारी जुटायी गयी.

रिपोर्ट के अनुसार, झारखंड के सरकारी विद्यालयों के 28 फीसदी बच्चों तक ऑनलाइन लर्निंग मैटेरियल पहुंचा है. 52 फीसदी बच्चों ने बताया कि उनके पास स्मार्टफोन नहीं है. इस कारण ऑनलाइन पढ़ाई नहीं कर पा रहे हैं. हालांकि वर्ष 2018 की तुलना में इस वर्ष ग्रामीण क्षेत्रों के लोगों के पास स्मार्टफोन की संख्या बढ़ी है. वर्ष 2018 के सर्वे में ग्रामीण क्षेत्रों में पढ़नेवाले बच्चों के 16 फीसदी अभिभावक के पास स्मार्टफोन था, जो 2020 में बढ़ कर 47 फ़ीसदी हो गया है.

सर्वे में लगभग 10 फीसदी बच्चों का कहना था कि इंटरनेट सुविधा नहीं होने के कारण वह ऑनलाइन पढ़ाई नहीं कर सके. रिपोर्ट के अनुसार, ग्रामीण क्षेत्रों के निजी विद्यालयों में पढ़नेवाले 24. 6 फीसदी बच्चों को ही ऑनलाइन लर्निंग मैटेरियल मिला.

स्कूलों में इस वर्ष कम हुआ है नामांकन

रिपोर्ट के अनुसार, इस वर्ष झारखंड में बच्चों का नामांकन वर्ष 2018 की तुलना में कम हुआ है. सर्वे में अलग-अलग एज ग्रुप के बच्चों के नामांकन की स्थिति की जानकारी दी गयी है.

इनमें 6 से 10 वर्ष तक आयु वर्ग के बच्चों का नामांकन सबसे अधिक प्रभावित हुआ है. 2018 में 6 से 10 वर्ष तक के आयु वर्ग के 1.4 फीसदी बच्चों का नामांकन नहीं हुआ था, जबकि इस वर्ष 2.15 फीसदी बच्चों का नामांकन नहीं हुआ है. सर्वे में यह बात भी सामने आयी कि 15 से 16 वर्ष के आयु वर्ग में नामांकन की स्थिति वर्ष 2018 की तुलना में बेहतर है.

79 फीसदी बच्चों को मिली किताब

रिपोर्ट के अनुसार, राज्य के विद्यालयों में पढ़ रहे 79 फीसदी बच्चों को ही किताब मिली है. 21 फीसदी बच्चे किताब से वंचित हैं. इससे उनका पठन-पाठन भी प्रभावित हुआ है. रिपोर्ट के अनुसार सरकारी स्कूलों के 68 फीसदी अभिभावकों ने अपने बच्चों की पढ़ाई में मदद की. वहीं ग्रामीण क्षेत्र के निजी स्कूलों के 78 फीसदी अभिभावकों ने अपने बच्चों के पठन-पाठन में उन्हें मदद की.

posted by : sameer oraon

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें