रांची : घाघरा थाना क्षेत्र के चुंदरी नवाटोली के पास हथियारबंद अपराधियों ने रविवार देर शाम लोहरदगा निवासी ममता खाखा (20 वर्ष) और उसके बड़े भाई संजीव रंजन भगत (27 वर्ष) की हत्या कर दी. अपराधियों ने दोनों को अगवा किया और उसके बाद पत्थर से कूच कर मार डाला.
पुलिस को घटना की सूचना सोमवार सुबह मिली. ममता का शव डोभा में मिला, जबकि भाई का शव खेत में था. जानकारी के अनुसार, रविवार की सुबह दोनों भाई-बहन कार से घाघरा थाना क्षेत्र स्थित पैतृक गांव कोटामाटी दसई करमा पर्व मनाने आये थे. पर्व मना कर रविवार को ही शाम दोनों कार से लोहरदगा के नावापाड़ा मुहल्ला स्थित घर लौट रहे थे.
इसी क्रम में अपराधियों ने दोनों का अपहरण कर हत्या कर दी. घटना की जानकारी मिलते ही एसपी एचपी जनार्दनन, एसडीपीओ मनीष चंद्र लाल, इंस्पेक्टर मनोज कुमार घटनास्थल पर पहुंचे. खोजी कुत्ता का भी सहारा लिया गया है. इंस्पेक्टर मनोज कुमार ने बताया कि दोनों की हत्या पत्थर से कूच कर की गयी है. हालांकि सामूहिक दुष्कर्म के विषय में उन्होंने कहा कि जांच के बाद ही कुछ कहा जा सकता है. वहीं पुलिस पांच लोगों को हिरासत में लेकर पूछताछ कर रही है.
मृतक के पिता वीरेंद्र भगत राज्यपाल सचिवालय स्वास्थ्य विभाग के असिस्टेंट पद से रिटायर्ड हुए हैं. वहीं मां सुलोचना सेन्हा प्रखंड के सीठिओ मिडिल स्कूल की शिक्षिका हैं. बड़ी बहन संगीता खाखा एमए कर प्रतियोगिता परीक्षा की तैयारी कर रही हैं. वहीं, मृतक संजीव रंजन भगत ने ग्रेजुएशन की पढ़ाई पूरी कर ली थी. वह भी प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी कर रहा था. वहीं, मृतका ममता खाखा बीए फाइनल इयर में थी.
मृतकों के चाचा बालकिशन भगत ने पुलिस पर लापरवाही का आरोप लगाया. कहा कि पुलिस ने तत्परता दिखायी होती, तो उनके दोनों बच्चों की जान बचायी जा सकती थी. जब घाघरा थाना के सरकारी मोबाइल नंबर 9431706207 पर फोन लगाया गया, तो वह बंद था.
तब परिवार के लोगों ने लोहरदगा सदर थाना में इसकी लिखित शिकायत की, लेकिन लोहरदगा थाना से भी कोई कार्रवाई नहीं की गयी. यहां तक कि लोहरदगा थाना द्वारा घाघरा थाना से संपर्क कर घटना के संबंध में जानकारी तक नहीं दी गयी. इस कारण परिवार के लोग खासे नाराज हैं और पुलिस की कार्रवाई पर सवाल उठा रहे हैं.
ग्रामीणों ने बताया कि रविवार शाम 7.30 बजे कोटामाटी नदी के पास चार-पांच युवक राहगीरों से लूटपाट कर रहे थे. इसी दौरान कार सवार भाई-बहन वहां पहुंचे. लुटेरों ने उन्हें भी लूटा. इसके बाद दोनों भाई-बहन को बोलेरो में जबरन बैठा कर अपने साथ ले गये. पीछे से उनकी कार भी लेकर लुटेरे निकल गये .
इसके बाद उनकी हत्या कर दी गयी. ममता व संजीव जब लोहरदगा अपने घर नहीं पहुंचे, तो परिवार वालों ने पैतृक गांव कोटामाटी फोन कर रिश्तेदारों से उनके बारे में पूछे. रिश्तेदारों ने कहा कि कई घंटे पहले दोनों लोहरदगा के लिए निकल चुके हैं.
posted by : sameer oraon