नयी दिल्ली: क्या आम और क्या खास. कोरोना ने किसी को नहीं छोड़ा. सबकी हालत पतली है. देखिए ना, रावण की हालत भी पतली है. लंकाधिपति दशानन. सज धज कर बाजार में बिकने को खड़ा है. लेकिन उसे कोई खरीददार नहीं मिल रहा. अपनी हुंकार से तीनों लोकों को डरा देने वाला रावण. इस बार खामोश है. रावण का भाव गिर गया है. कभी जिसकी एक आवाज से तीन लोक कांप जाते थे, हाय री किस्मत.
इस साल कोई उसे पूछ नहीं रहा. जो गोलू, मोंटी स्वीटी अपने पापा से कहते नहीं थकते थे. कि कब जलेगा रावण, कब जलेगा रावण. वे आज उसके सामने से मुंह फेरे चले जा रहे हैं. दशहरा में अब केवल 2 दिन बचा है. लेकिन रावण बेमन से बाजार में खड़ा है.
बाजार में गिर गया दशानन रावण का भाव
आमतौर पर हर साल दशहरे में होड़ लगी रहती थी. रावण कितना ऊंचा हो सकता है. रावण की नांक कितनी ऊंची होगी. चाचा की चाय की टपरी से लेकर पराठे वाली गली की चकल्लस तक यही चर्चा रहती थी, किस एरिया का रावण सबसे जानदार है. लेकिन इस बार…कोरोना की ऐसी मार पड़ी की भैया रावण दुबके पड़े हैं. रावण की ऊंचाई घट गई है और दाम भी. हालत ये है कि भाव गिरा लिया फिर भी कोई नहीं पूछता.
कई रंग और डिजाइन में मौजूद हैं रावण
हर साल की तरह इस बार भी रावण कई रंग और डिजाइन में सजा है. लिखा भी है रेडी टू सेल. पर हालत तो देखिये. कभी जिसके पास सोने की लंका थी, आज उसे अठन्नी भी नसीब नहीं हो रही. अच्छा खैर, अठन्नी का अब तो लेमनचूश भी नहीं मिलता. इस बार दशहरा बेरंग है और वैसे ही झक्क सफेद चेहरा लिये इंतजार में खड़े हैं दशानन. सोच रहे हैं. कोई तो आये. कुछ भाव दे जाए. लेकिन, लोग तो नजरें फेर लेते हैं.
रावण की मांग में 40-60 फीसदी की गिरावट
दशहरे के लिए रावण को तैयार करने वाले कारीगर बताते हैं…कोरोना की वजह से भव्य आयोजन पर पाबंदी है. भीड़ नहीं लग सकती. भीड़ ही नहीं लगेगी तो रावण जलाने का फायदा क्या. इसलिए बड़े रावण नहीं बिक रहे. गली मुहल्लों में छोटे आयोजन के लिए छुटभैये रावण खरीदे जा रहे हैं.
अब वो भाव कहां. कारीगर बताते हैं. रावण के भाव मांग में 40 से 60 फीसदी तक की गिरावट आई है. कमाल है. किसने सोचा था. इत्तु सा कोरोना इतने बड़े रावण का भाव ही गिरा देगा.
जानें कब मनाया जायेगा दशहरा का त्योहार
दशहरा शारदीय नवरात्र के 10वें दिन औऱ दिवाली के ठीक 20 दिन पहले आता है. हिन्दू मान्यता के मुताबिक आश्विन मास की शुक्ल पक्ष की दशमी को विजयादशमी या दशहरा मनाया जाता है. इस साल दशहरा 25 अक्टूबर 2020 को है. आमतौर पर इस दिन बुराई पर अच्छाई की जीत के प्रतीक के तौर पर रावण दहन की परंपरा रही है.
लेकिन इस साल कोरोना संकट की वजह से सार्वजनिक तौर पर रावण दहन के कार्यक्रमों पर रोक लगाई गई है. यही वजह है कि रावण भी फीका पड़ गया है.
Posted By- Suraj Thakur