Bihar Election 2020 डिप्टी सीएम सुशील कुमार मोदी ने महागठबंधन पर हमला करते हुए उनसे पांच सवाल पूछे हैं. उन्होंने कहा है कि जो आज बड़े-बड़े वादे कर रहे हैं, वे गरीबों की मुसीबत के समय कहां छिपे थे. लॉकडाउन में फंसे मजदूरों के लिए एक हजार ट्रेनों का किराया क्यों नहीं दिया. उन्होंने पहला सवाल दागते हुए पूछा है कि लॉकडाउन के समय एनडीए सरकार ने दिल्ली, राजस्थान व गुजरात जैैसे विभिन्न राज्यों में फंसे बिहार के 22 लाख से ज्यादा मजदूरों और छात्रों की सुरक्षित वापसी के लिए एक हजार 600 स्पेशल ट्रेनें चलायीं, परंतु किसी से किराया नहीं लिया. राजद ने तीन हजार बसें भेजने और कांग्रेस ने एक हजार ट्रेनों का किराया देने का जो वादा किया था, उसका क्या हुआ.
दूसरे सवाल में कहा है कि बिहार लौटे 16 लाख मजदूरों को 14 दिनों तक कोरेंटिन सेंटरों में रखने की व्यवस्था राज्य सरकार ने की. राजद-कांग्रेस ने मजदूरों की मदद के लिए क्या किया. वे घर लौटे मजदूरों को स्टेशन पर केवल माला पहना कर फोटो खिंचवाना क्यों चाहते थे. तीसरे, सरकार ने कोरेंटिन सेंटरों में रहने वाले मजदूरों की जांच, इलाज, नाश्ता-भोजन का इंतजाम किया.
भोजन की गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए खुद मुख्यमंत्री ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये मॉनीटरिंग की. जब मजदूर लौट रहे थे या कोरेंटिन सेंटरों में थे, तब राजद के नेता प्रदेश से बाहर क्या कर रहे थे. चौथा,कोरेंटिन सेंटरों में 14 दिनें बीता कर घर जाने वालों को चटाई, मच्छरदानी व धोती-साड़ी मुफ्त दिये गये. प्रत्येक व्यक्ति पर सरकार ने 5330 रुपये खर्च किये. जो लोग चुनाव के समय बड़े-बड़े वादे कर रहे हैं, उन्होंने मजदूरों की क्या मदद की.
पांचवां सवाल पूछा है कि एनडीए सरकार ने जल-जीवन-हरियाली मिशन के तहत 6 लाख मजदूरों को उनके घर के पास काम दिया. 26 साल की उम्र करोड़ों रुपये मूल्य की बेनामी संपत्ति बनाने वाले तेजस्वी प्रसाद यादव ने कितने गरीब परिवारों को राशन भिजवाया.