पंजाब फार्म कानून पर को लेकर हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहरलाल खट्टर ने कहा कि पंजाब सरकार ने कोई कमाल नहीं किया है. यदि वे प्रमुख रूप से उत्पादित फसलों के लिए एमएसपी की गारंटी के लिए एक कानून लाते हैं, तो हम समझेंगे कि वे किसानों की मदद करने की कोशिश कर रहे हैं. वे अपने शातिर प्रचार से किसानों को धोखा दे रहे हैं.
बता दें कि केंद्र सरकार के कृषि कानूनों का विरोध कर रहे पंजाब सरकार ने पंजाब विधानसभा में चार विधेयक पारित किये हैं. 20 अक्टूबर को इसके लिए विशेष सत्र बुलाकर विधेयक को पारित किया गया. इस तरह से पंजाब केंद्र के कृषि कानूनों को नहीं मानने वाला देश का पहला राज्य बन गया है.
पंजाब सरकार के फार्म कानून के मुताबिक एमएसपी से कम कीमत पर खरीद फरोख्त करने पर तीन साल की जेल और जुर्माना हो सकता है. इसके अला जीरो टैक्स भी मंजूर नहीं होगा. इसके अलावा पंजाब में किसान सिर्फ उन्ही मंडियों में अपने उत्पाद बेच पायेंगे जहां राज्य सरकार बतायेगी. खरीद की जानकारी राज्य सरकार को देनी होगी. जबकि केंद्र के कानून के मुताबिक किसान अपनी फसल जहां चाहे वहां बेच सकते हैं.
पंजाब फार्म बिल के मुताबिक इस पूरी प्रक्रिया की देखरेख सरकार करेगी. सरकार को खरीद की लिमिट तय करने का अधिकार होगा. जबकिं केंद्र के कानून में स्पष्ट है कि कंपनिया जितना चाहे खरीद सकती हैं. भंडारण कहां किया यह नहीं बताना पड़ेगा. पंजाब के कानून के मुताबिक कंपनी से कोई विवाद होने पर किसान सिविल कोर्ट जा सकता है.
इससे पहले पंजाब में शिरोमणि अकाली दल ने पंजाब विधानसभा सत्र से पहले पंजाब सरकार के खिलाफ ट्रैक्टर पर विरोध प्रदर्शन किया था. विरोध को लेकर शिअद के नेता बिक्रम मजीठिया ने कहा था कि पंजाब सरकार ने कृषि कानूनों के खिलाफ पहले के प्रस्तावों को केंद्र सरकार के पास नहीं भेजा है. क्योंकि केंद्र के साथ उनकी मिलीभगत है. वे केंद्र के साथ एक निश्चित मैच खेल रहे हैं. “
वहीं दूसरी तरफ आप विधायकों ने भी पंजाब के चंडीगढ़ में पंजाब सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया था. AAP विधायकों ने विरोध प्रदर्शन करते हुए मांग की कि राज्य विधानसभा हाल ही में कृषि कानून के खिलाफ बनाए गए प्रस्ताव को पारित करे. AAP विधायक हरपाल सिंह चीमा कहते हैं, “पंजाब सरकार इन काले कानूनों के पक्ष में है. AAP उजागर करेगी कि वे केंद्र के साथ कैसे तालमेल बिठा रहे हैं.”
Posted By: Pawan Singh